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National Energy Conservation Day : क्या आप जानते हैं कि प्रयागराज हर महीने बचा रहा दो करोड़ की बिजली Prayagraj News

आज राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस है। ऐसे में हमें यह सोचना पड़ेगा कि बिजली को कैसे बचा सकते हैं। प्रयागराज में काम हो रहा है। यहां प्रति माह दो करोड़ की बिजली बचाई जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 09:36 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 02:14 PM (IST)
National Energy Conservation Day : क्या आप जानते हैं कि प्रयागराज हर महीने बचा रहा दो करोड़ की बिजली Prayagraj News
National Energy Conservation Day : क्या आप जानते हैं कि प्रयागराज हर महीने बचा रहा दो करोड़ की बिजली Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियों और कार्बन उत्सर्जन में कटौती की बहस के बीच ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए मंजूर राष्ट्रीय मिशन ने अच्छे परिणाम दिए हैैं। बिजली संरक्षण के लिए चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों में प्रयागराज ने भी अग्रणी भूमिका अदा की है। विद्युत विभाग के एक अनुमान के तहत संगमनगरी में हर माह दो करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली की बचत की जा रही है। आने वाले समय में इसे बढ़ाकर तीन से साढ़े तीन करोड़ होने की उम्मीद जताई जा रही है। वैसे इसके लिए पांच करोड़ रुपये की बिजली हर माह बचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को तेजी से नीचे लाने का लक्ष्य

सरकार ने जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को तेजी से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है। यानी कार्बन उत्सर्जन की प्रति इकाई तीव्रता को कम करने का प्रयास किया जाएगा। इसी लक्ष्य के तहत विभिन्न तरह की पहल की गई है। बचत लैंप योजना, स्टैंडर्ड एंड लेबलिंग स्कीम, एलईडी के प्रयोग जैसे उपाय किए गए हैं।

शहर के में घरों में एलईडी और एलईडी की स्ट्रीट लाइट्स का हो रहा प्रयोग

बचत लैंप योजना के तहत परंपरागत बल्बों की जगह एलईडी लगाने को कहा गया है। स्थिति यह है कि अब शायद ही किसी घर में परंपरागत बल्ब का प्रयोग होता हो। विद्युत विभाग का दावा है कि लगभग सभी घरों में एलईडी प्रयोग होने लगी है। इसके अलावा नगर निगम ने शहर में एलईडी की स्ट्रीट लाइट्स भी लगा दी है।

ऊर्जा संरक्षण के उपाय

-जब उपयोग में न हो, बल्ब बुझा दें

-ट्यूब लाईट, बल्बों तथा अन्य उपकरणों पर जमी हुई धूल को नियमित रूप से साफ करें

-हमेशा आइएसआइ मुहर लगे बिजली उपकरणों और साधनों का प्रयोग करें

-अपनी ट्यूब लाइट और बल्बों को ऐसी जगह लगाएं जहां प्रकाश आने में दिक्कत न हो।

इस स्कीम से भी काफी मात्रा में बिजली की बचत हो रही है

स्टैंडर्ड एंड लेबलिंग स्कीम के तहत उपकरणों पर स्टार रेटिंग दिए जाते हैं जो बताते हैं कि संबंधित उपकरण कितनी बिजली बचाएगा। एयर कंडीशनर्स, रेफ्रिजरेटर्स, ट्यूबलाइट्स और वितरण ट्रांसफार्मर पर स्टार रेटिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। गीजर, मोटर, पंप सेट, रंगीन टेलीविजन, एलपीजी स्टोव और पंखे को स्वैच्छिक स्टार रेटिंग कार्यक्रम के दायरे में लाया गया है। इस स्कीम के तहत भी काफी मात्रा में बिजली बचत हो रही है। इस तरह से जिले में लगभग 40 लाख यूनिट बिजली की बचत की जा रही है। इसकी कीमत दो करोड़ रुपये से ज्यादा है। मुख्य अभियंता ओपी यादव का कहना है कि संरक्षण के उपायों से आने वाले समय में जिले में तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली बचत की जा सकेगी।

संस्थानों में सौर ऊर्जा प्लांट से पांच मेगावाट बिजली का उत्पादन

शहर के विभिन्न संस्थानों में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से लगभग पांच मेगावाट (पांच हजार किलोवाट) बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा एमएनएनआइटी का उत्पादन है। यहां लगभग 12 लाख रुपये की बिजली की बचत हो रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट, विकास भवन, आयुक्त कार्यालय, पुलिस लाइन, इफको फूलपुर, नागरियक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र बमरौली आदि संस्थानों में सोलर प्लांट लगा है। इसके अलावा काफी संख्या में लोग अपने घरों व प्रतिष्ठानों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर बिजली उत्पादन कर रहे हैैं। जिले के लगभग सभी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में सोलर आरओ वाटर प्लांट, पंखे और पंप चलाए जा रहे हैैं। गांवों व बाजारों में भी मुख्यमंत्री समग्र योजना व दीनदयाल ग्रामीण बाजार योजना के तहत सौर ऊर्जा की स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा रही हैैं।

तीन बड़े प्लांट जल्द ही होंगे शुरू

जिले में जल्द ही तीन और बड़े सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। शंकरगढ़, मांडा व बारा में 40-40 मेगावाट के प्लांट लगाए जा रहे हैैं। इसके पहले मेजा में 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जा चुका है। इसकी बिजली ग्रिड को दी जाती है।

रेलवे ने 11 मेगावाट के संयंत्र लगाए

उत्तर मध्य रेलवे हरित ऊर्जा उत्पादन में भारतीय रेल में अग्रणी है। हरित ऊर्जा उत्पादन को 10.88 मेगावाट का सौर ऊजा संयंत्र लगा चुका है। महाप्रबंधक राजीव चौधरी के नेतृत्व में उत्तर मध्य रेलवे सोलर पावर प्लांटों की स्थापना में जोनल रेलवे में अग्रणी है। एनसीआर ने अब तक 10.88 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैैं। एनसीआर में 10.88 मेगावाट पीक क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र से 6.38 मिलियन यूनिट वार्षिक ऊर्जा उत्पादन होता है, जिससे पर्यावरण को लाभ मिलने के साथ ही उत्तर मध्य रेलवे के प्रतिवर्ष रुपये 4.24 करोड़ के राजस्व की बचत भी होती है। कार्बन फुटप्रिंट के संबंध में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन भी कम हुआ है।

बोले, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (वाणिज्य) ओपी दीक्षित कहते हैं कि विद्युत विभाग की ओर से ऊर्जा संरक्षण को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैैं। खासतौर पर बिजली चोरी रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्कूल-कॉलेजों से लेकर गांवों व शहरों के विभिन्न मोहल्लों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैैं। लोगों को बताया जा रहा है कि बिजली बचत ही बिजली उत्पादन है। एक यूनिट बिजली की बचत करना मतलब एक यूनिट बिजली पैदा करना है।


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