Prayagraj Coronavirus 3rd Wave Update: पीकू में आइसीयू जैसा ही बनाया आइसोलेशन वार्ड
Prayagraj Coronavirus 3rd Wave Update आइसोलेशन वार्ड में भी सभी बेड पर ऐसे पावर प्वाइंट हैं जिनमें जरूरत पडऩे पर आक्सीजन बाइपेप अथवा वेंटिलेटर लगाया जा सकेगा। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह बताते हैैं कि हम संसाधन जुटाने में कोई कमी नहीं रखेंगे।
प्रयागराज,जेएनएन। संगमनगरी के लेवल थ्री कोविड अस्पताल में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) वार्ड, काउच की कमी को छोड़ कर पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। इनमें 50 बेड तो आइसीयू हैं बाकी 50 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड को भी इतने संसाधनों से लैस कर दिया गया है कि जरूरत पडऩे पर इसका इस्तेमाल आइसीयू के रूप में किया जा सके।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते तैयारियां तेजी से की जा रही हैैं। इसी क्रम में पीकू वार्ड में व्यवस्थाएं लगभग पूरी कर ली गई हैैं। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के सुपर स्पेशयलिटी ब्लाक में पहले तल स्थित ए विंग में 50 बेड का आइसीयू बनाया गया है। यहां सभी बिस्तरों पर वेंटिलेटर, डिस्प्ले मानीटर, वार्मर लगा दिए गए है। आइसोलेशन वार्ड में भी सभी बेड पर ऐसे पावर प्वाइंट हैं जिनमें जरूरत पडऩे पर आक्सीजन, बाइपेप अथवा वेंटिलेटर लगाया जा सकेगा। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह बताते हैैं कि हम संसाधन जुटाने में कोई कमी नहीं रखेंगे। हमारा 100 बेड का कोविड अस्पताल लगभग तैयार है।
पीएम केयर फंड से मिले हैं वेंटिलेटर
वैसे पीकू वार्ड में अभी बच्चों के लिए विशेष वेंटिलेटर नहीं लगाए गए हैैं। पीएम केयर फंड से जो वेंटिलेटर मिले थे, उन्हें ही फिलहाल बिस्तर के साथ स्थापित किया गया है।
हर एक मरीज पर रहेगी नजर
वार्डों में बेड के साथ लगे डिस्प्ले मानीटर की कनेक्टिविटी कंट्रोल रूम में रहेगी। कंट्रोल रूम में बैठे डाक्टर स्क्रीन पर पर नजर बनाए रहेंगे। भर्ती बच्चों की आक्सीजन, पल्स रेट, बीपी की स्थिति भी यहीं पता चलती रहेगी।
सुपर स्पेशियलिटी का मकसद होगा पूरा
एसआरएन में जिसे लेवल थ्री कोविड अस्पताल बनाया गया है वह सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक है। ऐसे हाइटेक सुविधा वाले अस्पताल प्रदेश में केवल पांच महानगरों में हैं। यदि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई तो नए चिकित्सा संसाधन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का मकसद पूरा करेंगे।
मिनी बेड का कांसेप्ट है काउच
काउच दरअसल ऐसे मिनी बेड का कांसेप्ट है, जो संक्रमित बच्चों के बेड के बगल उनके तीमारदारों के लिए लगाए जाएंगे। इसकी खरीद अभी नहीं हो सकी है। इस संबंध में प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा जाएगा।