Prayagraj Weather Forecast : कुछ देर की हल्की बारिश ने बदला शहर के मौसम का मिजाज
Prayagraj Weather Forecast समुद्री विज्ञान और पर्यावरण के जानकार व इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र राय ने बताया कि अरब सागर में निम्न वायु दाब होने के कारण हमें ऐसा देखने को मिल रहा है। यूपी एमपी से सटे इलाकों में मौसम का यह बदलाव हुआ है।
प्रयागराज, जेएनएन। अचानक हुए मौसम बदलाव के कारण ठंड बढ़ने के आसार तेज हो गए हैैं। बुधवार की सुबह हल्की बारिश ने शहर में मौसम का मिजाज बदला और तापमान और तेजी गिरने के आसार बन गए। इस बदलाव ने लोगों को आलमारी से गर्म कपड़ेे निकालने पर मजबूर कर दिया, हालांकि लोगोंं ने सोचा था कि कुछ दिन बाद ही स्वेटर और मफलर निकाले जाएंगे। इसके साथ ही दोपहर में शहर की चाय के तमाम दुकानों पर भी अदरक वाली चाय के साथ लोग ठंड पर चर्चा करते मिले।
पहले बूंदाबांदी फिर होने लगी रिमझिम
शहर के सिविल लाइन, कटरा, कालिंदीपुरम कॉलोनी, शिवकुटी, फाफामऊ, अल्लापुर, जार्जटाउन, टैगोर टाउन, तेलियरगंज समेत अन्य इलाकों में सुबह करीब साढ़े दस बजे से बूंदाबांदी होनेे लगी थी। कुछ देर बाद हल्की बारिश शुरू हो गई। दोपहर तक रिमझिम होती रही। वहीं अंदावा, झूंसी, हनुमानगंज सहित अन्य इलाकों में थोड़े समय के लिए झमाझम बारिश भी देखने को मिली। हल्की बारिश ने दिनचर्या और मौसम मेंं भी तब्दीली ला दी। हल्की टी शर्ट पहने लोगोंं ने फुल बांंह की कमीज पहन ली। साथ ही घरों मेंं पंखे भी बंंद हो गए। घर से काम पर निकले लोगों को हल्की बारिश के दौरान भी बचने के लिए ठौर खोजना पड़ा।
अचानक बारिश के क्या हैैं कारण
समुद्री विज्ञान और पर्यावरण के जानकार व इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र राय ने बताया कि अरब सागर में निम्न वायु दाब होने के कारण हमें ऐसा देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश से सटे हुए इलाकों में मौसम का यह बदलाव देखने को मिल रहा है। इससे ठंड बढ़ेगी और कोहरा बढऩे के भी आसार हैैं। लंबे समय तक इसका प्रभाव नहीं रहेगा। एक-दो दिन में यह सामान्य स्थिति में आ जाएगा।
कृषि क्षेत्र में क्या पड़ेगा प्रभाव
जिला कृषि अधिकारी अश्विनी सिंह ने बताया कि वैसे तो धान की फसल की मड़ाई हो चुकी हैै, लेकिन जो फसल अभी खेत में कट कर रखी हैैं उनकी गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। पानी पड़ने पर धान के काले होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं सरसों में भी फफूंदी लगने का खतरा रहता है। अन्य फसलों पर अभी किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।