और नहीं हो सका रावण दहन, अनुमति नहीं लेने पर संगम क्षेत्र में पुलिस प्रशासन ने वध करने से रोका
संगम तट पर जय त्रिवेणी जय प्रयाग आरती समिति ने बुधवार को रावण दहन का आयोजन किया था। 21 फीट ऊंचा रावण का पुतला लगाया गया था। दोपहर करीब 12 बजे इस बारे में जानकारी पाकर दारागंज थाने की पुलिस यहां पहुंची। रावण दहन की अनुमति के कागजात मांगे गए।
प्रयागराज, जेएनएन। विजयादशमी के मौके पर बुधवार को देश भर के साथ ही प्रयागराज में भी रावण वध का प्रसंग पूरा किया गया लेकिन एक स्थान पर ऐसा नहीं हो सका। जय त्रिवेणी जय प्रयाग कमेटी द्वारा संगम क्षेत्र में रावण दहन के लिए पुतले को लगाया गया। लेकिन दारागंज पुलिस ने इसे रोक दिया। पुलिस-प्रशासन की ओर से बिना अनुमति कंटोमेंट की जमीन पर पुतला दहन न करने की बात कही।
21 फीट ऊंचा रावण का पुतला ले गए थे संगम क्षेत्र में
संगम तट पर जय त्रिवेणी जय प्रयाग आरती समिति ने बुधवार को रावण दहन का आयोजन किया था। 21 फीट ऊंचा रावण का पुतला लगाया गया था। दोपहर करीब 12 बजे इस बारे में जानकारी पाकर दारागंज थाने की पुलिस यहां पहुंची। रावण दहन की अनुमति के कागजात मांगे गए। कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने कहा कि यहां परंपरागत तरीके से रावण के पुतले का दहन होता रहा है। पिछले वर्ष भी पुतला दहन किया गया था। उसी क्रम में इस बार यह आयोजन किया गया है।
पुलिस ने खुद रोका और साथ ही सेना को भी बुला लिया
इस बाबत अध्यक्ष का कहना है कि पुलिस ने रावण दहन को रोकते हुए सेना को भी बुलवा लिया। चेतावनी दी गई कि अगर पुतला दहन हुआ तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी। इंस्पेक्टर दारागंज वीरेंद्र मिश्र का कहना है कि रावण के पुतला दहन को लेकर कोई अनुमति नहीं ली गई थी। जहां दहन का कार्यक्रम होना था वह कैंटोनमेंट की जमीन है। इसलिए सेना को बुलाया गया था। यहां पहले कभी पुतला दहन नहीं हुआ था।
आफिस और दुकानों को भी हटवा दिया गया
समिति के पदाधिकारी पिछले वर्ष पुतला दहन की बात कह रहे थे, लेकिन वह पूर्व की भी अनुमति नहीं दिखा सके। यहां समिति ने आफिस खोल लिया था। साथ ही कुछ दुकानें भी लग गईं थीं, जिसे सेना ने हटवा दिया। वहीं, प्रदीप पांडेय का कहना है कि वो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का संगम में पूजन कराते हैं। उनके साथ अन्याय हुआ है, इसकी शिकायत पीएमओ, सीएमओ व रक्षा मंत्रालय में शिकायत करेंगे।