प्रयागराज में फैली कोरोना लहर की चपेट में न आ जाए प्रतापगढ़, रोज होती है सैकड़ों लोगों की आवाजाही
दूसरे दौर का कोरोना किसी को भी प्रभावित कर दे रहा है। पहले कहा जा रहा था कि बुजुर्ग व बीमार लोगों पर खतरा है। बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। पर अब हर उम्र के लोग संक्रमण के लपेटे में आ रहे हैं। इससे केंद्र व प्रदेश सरकार चिंतित है।
प्रतापगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी के संक्रमण से जंग जारी है। सरकारी व निजी संस्थाएं लोगों को जागरूक कर रही हैं। इसके बाद भी हर ओर कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं। लोग तरह-तरह की आशंका से ग्रस्त हैं। प्रतापगढ़ में अभी स्थिति बेकाबू तो नहीं है लेकिन चिंताजनक जरूर है। पड़ोस के प्रयागराज में बढ़ते मामले यहां भी असर डाल रहे हैं। संक्रमण की आंच में पड़ोसी होने के नाते यह जिला झुलस सकता है। यहां से हर दिन हजारों लोग विभिन्न कारणों से प्रयागराज जाते हैं औप वहां से यहां आते हैं।
टीकाकरण उत्सव में भी लोगों की कम रुचि
दूसरे दौर का कोरोना किसी को भी प्रभावित कर दे रहा है। पहले कहा जा रहा था कि बुजुर्ग व बीमार लोगों पर खतरा है। बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। अब ऐसा नहीं है। हर उम्र के लोग संक्रमण के लपेटे में आ रहे हैं। इससे केंद्र व प्रदेश सरकार चिंतित है। प्रतापगढ़ की बात करें तो यहां 430 सक्रिय केस हो गए हैं। हर दिन मरीज मिल भी रहे हैं। रफ्तार ऐसी ही रही तो जल्दी ही जिला रात के लाकडाउन में आ जाएगा। लोगों को अब भी सजगता का ध्यान नहीं है। वह मनमानी कर रहे हैं। इधर सरकार के निर्देश पर विभाग टीकाकरण उत्सव मना रहा है। इसमें 45 साल व इससे अधिक की आयु वालों को वह प्रेरित कर रहा है कि वह आएं और टीका लगवाएं। इसके बाद भी लोगों में उत्साह की कमी दिख रही है।
पहले दिन ही झटका
टीकाकरण उत्सव के पहले दिन महज साठ फीसद लोग ही टीका लगवाने आए। 3021 लोगों को पहला टीका लगा। इससे अधिक तो सामान्य दिनों में लगवाने को आते रहे हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सीपी शर्मा कहते हैं कि लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। उम्मीद है कि संख्या बढ़ेगी।
जिले में 139 बूथ
बड़े पैमाने पर लोगों को टीका से संतृप्त करने को जिले में 139 बूथ बनाए गए हैं। यहां पर हर दिन सुबह नौ से शाम को पांच बजे तक टीका लग रहा है। सीएमओ डॉ. एके श्रीवास्तव बताते हैं कि इस महीने में पौने दो लाख लोगों को टीका लगाने का विभाग का लक्ष्य है। टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।