अस्पताल में कोविड लैब की छत का बड़ा हिस्सा गिरा, प्रतापगढ़ की घटना, बाल-बाल बचे कर्मचारी
प्रताप बहादुर महिला अस्पताल के पुराने भवन में चल रहे कोरोना जांच लैब की छत का बड़ा हिस्सा फाल्स सीलिंग के साथ सोमवार को सुबह गिर गया। कमरे और आसपास रहे कर्मचारियों ने वहां से भागकर जान बचाई। सीएमओ ने इस मसले में जांच का आदेश दिया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राजकीय मेडिकल कालेज के अंतर्गत संचालित प्रताप बहादुर महिला अस्पताल के पुराने भवन में चल रहे कोरोना जांच लैब की छत का बड़ा हिस्सा फाल्स सीलिंग के साथ सोमवार को सुबह गिर गया। कमरे और आसपास रहे कर्मचारियों ने वहां से भागकर जान बचाई। मलबे में दबने से जांच की मशीनें खराब हो गईं। सीएमओ ने जांच का आदेश दिया है।
महिला अस्पताल के पुराने भवन का कुछ देर बाद फिर गिरा प्लास्टर
दो साल पहले इस लैब की स्थापना की गई थी। इसमें हर दिन 40 से 45 नमूनों की जांच होती है। इसी के बगल वाले वार्ड में कोरोना के रोगी भी भर्ती किए जाते थे, हालांकि इस समय कोई भर्ती नहीं था। सोमवार सुबह करीब 10 बजे कर्मचारियों ने लैब का ताला खोला और अंदर जाकर काम शुरू ही करने वाले थे कि जांच कक्ष की छत का काफी बड़ा हिस्सा फाल्स सीलिंग के साथ गिर गया। वहां रहे कर्मचारी हड़बड़ाकर भागे व बाहर आ गए। कुछ देर बाद बगल वाले कक्ष की छत का प्लास्टर भी गिरा। सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव का कहना है कि लैब मेडिकल कालेज की देखरेख में है। सीलिंग क्यों गिरी इसकी जांच की जा रही है। टीम भी बनी है। मौके की फोटो व वीडियो को शासन को भेजा जाएगा।
कर्मियों ने खड़े किए हाथ
दुर्घटना की सूचना विभाग के अधिकारियों को देते हुए कर्मचारियों ने इस जर्जर भवन के लैब में काम करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उनको डर है कि पता नहीं कब कौन से कमरे का छत का हिस्सा या पूरी छत ही गिर जाए।
भीग गए थे मरीज
पुराने भवन में बनाए गए लैब और कोरोना वार्ड में पिछले साल बरसात में पानी टपकने लगा था। वहां पर भर्ती कोरोना के कई रोगी भीग गए थे। कई को नीचे वाले कमरों में शिफ्ट करना पड़ा था। अफरातफरी मची थी।
पहले भी गिरा था मलबा
जब लैब के पहले उसमें नवजात शिशु केयर यूनिट थी तो भी ऐसे ही मलबा गिरा था। काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद भी उसमें कोविड लैब खोल दिया गया। विभाग ने इसके लिए नए भवन की व्यवस्था नहीं की।