Magh Mela-2020 : मेले में साधु-संन्यासियों के संगठन में सत्ता संघर्ष के आसार, होने हैं चुनाव Prayagraj News
इस बार प्रयागराज के माघ मेला में दो संत संगठनों के चुनाव की तैयारी है। आचार्य बाड़ा के चुनाव के लिए एसडीएम सदर इसी माह आदेश दे चुके हैं।
प्रयागराज, [अमरदीप भट्ट]। गद्दी को लेकर संत संगठनों, खाक चौक व्यवस्था प्रबंध समिति और आचार्य बाड़ा में चल रही खींचतान आगामी माघ मेला-2020 में निर्णायक मोड़ पर पहुंचेगी। दोनों संगठनों में चुनाव की सुगबुगाहट तेज है। मौजूदा पदाधिकारी व दूसरे गुट के लोग इन दिनों अलग-अलग राज्यों में भ्रमण कर गुपचुप तरीके से वोट बैंक मजबूत करने की तैयारी में जुटे हैं। यह आसार अधिक हैं कि आगामी माघ मेले के दौरान संत समाज के जुटने पर चुनाव कराए जाएंगे। इनमें आचार्य बाड़ा का चुनाव कराने के लिए प्रयागराज के एसडीएम सदर भी अपना निर्णय दे चुके हैं।
खाक चौक व्यवस्था प्रबंध समिति पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त
खाक चौक व्यवस्था प्रबंध समिति का चुनाव 2015 में हुआ था। नियम के अनुसार 2018 में कार्यकाल समाप्त होने पर नई कार्यकारिणी का गठन होना चाहिए लेकिन प्रयागराज में कुंभ मेला-2019 के बड़े आयोजन के चलते चुनाव नहीं हो सका। अभी इसके महामंत्री महामंडलेश्वर संतोषदास 'सतुआ बाबाÓ और अध्यक्ष महामंडलेश्वर सीताराम दास हैं। वहीं इसी समिति में एक अन्य गुट भी सक्रिय है। इनमें माघ मेेला क्षेत्र में जमीन आवंटन को लेकर भी खींचतान मची है। इस मामले में खाक चौक व्यवस्था समिति के महामंत्री संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा का कहना है कि अमावस्या के बाद चुनाव पर मंथन होगा। माघ मेले के बाद चुनाव होगा।
आचार्य बाड़ा में दो फाड़ है, दोनों के अलग-अलग अध्यक्ष भी
वहीं आचार्य बाड़ा में दो फाड़ है। इसके दो अध्यक्ष भी हैं। स्वामी अच्युत प्रपन्नाचार्य एक गुट के तो रामेश्वर प्रपन्नाचार्य दूसरे गुट के अध्यक्ष हैं। रामेश्वर प्रपन्नाचार्य और महामंत्री रंग नारायणाचार्य की कार्यकारिणी के चुनाव को दूसरे गुट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने एसडीएम सदर को सुनवाई का आदेश दिया था। नाम न छापने की शर्त पर एक संत ने बताया कि नौ दिसंबर को एसडीएम सदर ने रामेश्वर प्रपन्नाचार्य की कार्यकारिणी को रद कर नए सिरे से चुनाव कराने का रजिस्ट्रार सोसाइटी को आदेश दिया है। इस वजह से माघ मेला क्षेत्र में आचार्य बाड़ा की जमीन का आवंटन भी मेला प्रशासन के हाथों करवाना पड़ा। बताया कि योजना और तारीख निश्चित नहीं है लेकिन आसार हैं कि माघ मेले में चुनाव पर ठोस चर्चा होगी।