प्रयागराज में यमुना नदी पर नहीं बन सका पांटून पुल, हर साल अब तक बन जाता था पुल
शंकरगढ़ बारा लालापुर जसरा गौहनिया घूरपुर के लगभग सौ गांवो के लोगों के लिए कौशांबी की ओर से जाने के लिए हर साल प्रतापपुर के यमुना घाट पर पांटून पुल बनाया जाता था। यह पुल दूसरी ओर कौशांबी के नंदा का पूरा गांव में निकलता है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज से 50 किमी दूर यमुनापार में लालापुर के प्रतापपुर गांव स्थित यमुना नदी के घाट पर इस वर्ष अब तक पांटून पुल का निर्माण नहीं कराया जा सका है। हर साल अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में ही यहां पीपा का पुल बना दिया जाता था। इस वर्ष पांटून पुल न बनने से लोगों में आक्रोश है। शादी-विवाह के चलते इस घाट से लोगों का आवागमन ज्यादा हो रहा है। स्टीमर पर अधिक क्षमता से लोग बैठाए जा रहे हैैं जिससे खतरे की भी आशंका है।
शंकरगढ़, बारा, लालापुर, जसरा, गौहनिया, घूरपुर के लगभग सौ गांवो के लोगों के लिए कौशांबी की ओर से जाने के लिए हर साल प्रतापपुर के यमुना घाट पर पांटून पुल बनाया जाता था। यह पुल दूसरी ओर कौशांबी के नंदा का पूरा गांव में निकलता है। इस पुल से कौशांबी जनपद के लोगों को भी काफी सहूलियत होती है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रतापपुर से नंदा का पूरा को जोडऩे वाला पांटून पुल इस बार अभी तक नहीं बनाया जा सका है। इसकी वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है।
लगन तेज होने के कारण इन दिनों लोगों का ज्यादा आना-जाना होता है। इस घाट पर नदी पार कराने के लिए स्टीमर व नाव लगाई गई हैैं। स्टीमर और नावों पर क्षमता से ज्यादा लोग बैठाए जा रहे हैैं। इसके कारण लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैैं। इससे हादसे का खतरा बना रहता है। यदि विभागीय अधिकारी और प्रशासन सचेत नहीं हुआ तो कभी भी हादसा होने की आशंका है।
वहीं राहगीरों की मानें तो प्रशासन द्वारा घाटों पर वसूली बंद करा दी गई है मगर स्टीमर चलाने वाले ठेकेदार वसूली कर रहे हैैं। इसकी की दफा तहसील प्रशासन से शिकायत की गई मगर प्रशासनिक अफसर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। यही कारण है कि ठेकेदार द्वारा पीपा पुल निर्माण कार्य में देरी कर रहे हैैं। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से प्रतापपुर में यमुना नदी पर पीपा का पुल अविलंब बनवाए जाने की मांग की।