गांवों में फूटने लगी जल संरक्षण की धारा, लॉकडाउन में खोदे गए तालाब हुए लबालब Prayagraj News
लाॅकडाउन में ग्रामीण कामगारों को मनरेगा के तहत काम मिला है। वहीं दूसरी तरफ कामगारों द्वारा खोदे जा रहे तालाबों में पानी भी है जो गर्मी में पशुओं को भी काफी राहत दे रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण काल ने नए अवसर भी प्रदान किए हैैं। खासतौर पर गांवों में मौका ज्यादा हैै। सरकार की ओर से प्रयास तेज होने से लोगों को काम मिलने लगा है। गांवों में लौटे प्रवासी कामगार अपने हुनर दिखाने लगे हैैं। क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के बाद वे भी काम में जुट गए हैैं।
मनरेगा के तहत गांवों में तालाबों की खोदाई
गांवों में इन दिनों मनरेगा के तहत तालाबों की खोदाई जोरों पर है। इसका दो उद्देश्य है, एक तो लोगों को काम देना और दूसरे जल संरक्षण भी हो सके। इसमें प्रवासी मजदूरों को भी काम दिया गया है। मेहनत और लगने से काम का नतीजा यह सामने आया कि तालाब अपनी शक्ल लेने लगे हैैं। यमुनापार में काफी संख्या में तालाब तैयार भी हो गए हैैं। इन तालाबों में पानी भी भरवाया जा रहा है। 100 से ज्यादा तालाब लबालब हो गए हैैं। इस माह तक चार सौ तालाबों में नहरों और नलकूपों से पानी भरवा दिया जाएगा। बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए खोदे जा रहे तालाबों से सिंचाई भी हो सकेगी।
विशेष बातें
23 सौ तालाबों की खोदाई का चल रहा है जिले भर में काम
28 हजार से ज्यादा स्थानीय व प्रवासी कामगारों को मिला काम
ग्रामीणों को काम मिला
कोरांव के नेवादा गांव निवासी शिवराम, बारा के जसरा इलाके के दिनेश कुमार, हंडिया के सैदाबाद क्षेत्र के रवींद्र ने बताया कि तालाबों की खोदाई से उन्हें काम तो मिला ही, इनमें बारिश का पानी इकट्ठा होगा तो गांव का जलस्तर भी सुधरेगा।
बोले, मनरेगा उपायुक्त
मनरेगा उपायुक्त कपिल कुमार कहते हैं कि जिले में ज्यादा से ज्यादा कामगारों को काम देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत ही तालाबों की खोदाई का काम बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है। काफी तालाबों की खोदाई पूरा कराकर उनमें पानी भरवाया जा रहा है।