प्रयागराज जिले के 171 गांवों में पॉलीथिन प्रतिबंधित, प्रयोग करने पर लगेगा जुर्माना Prayagraj News
करीब पौने दो सौ गांवों में पॉलीथिन प्रतिबंधित हो गया है। इसका प्रयोग करने पर दो से पांच सौ रुपये तक जुर्माना लगेगा। ग्राम पंचायतों की बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ।
प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता ही सेवा अभियान के आह्वïान पर जिले की 171 ग्राम पंचायतों ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन गांवों में पॉलीथिन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। ग्राम पंचायतों की बैठक में प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया गया। इनमें काफी संख्या में गंगा और यमुना किनारे के गांव हैैं। प्रस्ताव में यह भी पारित हुआ है कि जो भी पॉलीथिन प्रयोग करते हुए पाया जाएगा, उस पर दो सौ से पांच सौ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। गांवों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
पंचायतों की टोली प्लास्टिक वेस्ट श्रमदान अभियान चलाएगी
गांवों में पंचायतों की टोली गठित कर प्लास्टिक वेस्ट श्रमदान अभियान चलेगा, जो प्लास्टिक वेस्ट कलेक्शन करेगी। इसे एक स्थान पर संग्रह करके उसके रिसाइकिलिंग करने की व्यवस्था की जाएगी। दरअसल, पॉलीथिन और प्लास्टिक के सामान प्रयोग के बाद बड़ी तादाद में गंगा और यमुना में फेंके जाते हैैं।
बोलीं डीपीआरओ, स्वच्छता अभियान के चैंपियन होंगे पुरस्कृत
डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि 250 से ज्यादा अन्य गांवों में भी जल्द ही पॉलीथिन को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव पारित करेंगे। स्वच्छता के इस महाअभियान में जो भी गांव चैैंपियन होंगे उन्हें पुरस्कार भी दिया जाएगा।
अहम आंकड़े
- 97 गांव हैैं गंगा व यमुना किनारे के, नदियों की निर्मलता में मिलेगी मदद
- 26 गांव हैं सबसे ज्यादा कौडि़हार ब्लॉक के, सबसे कम कौंधियारा में
- 260 गांवों में अगले हफ्ते प्रतिबंधित होगी पॉलीथिन, जल्द होगी बैठक
- 1637 गांव हैं जिले में, पॉलीथिन मुक्त करने को गांवों में चलेगा अभियान
महात्मा गांधी को समर्पित होगा अभियान
इस बार दो अक्टूबर को देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाएगा। इसके तहत स्वच्छता के स्थिरता एवं संपूर्ण स्वच्छता के लिए ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा यूनिवर्सल सैनिटेशन कवरेज को सुनिश्चित करना है। एडीपीआरओ आशुतोष कुमार ने बताया कि इन गांवों में 11 सितंबर से अपशिष्ट प्लास्टिक प्रबंधन शुरू किया गया है, जो दो अक्टूबर तक चलेगा। फिर तीन अक्टूबर से 27 अक्टूबर (दीपावली) तक अपशिष्ट प्लास्टिक का संग्रहीकरण एवं प्रभावी तरीके से रिसाइकिल एवं निष्पादन की गतिविधियां की जाएंगी। दो अक्टूबर को इन गांवों में पॉलीथिन का प्रयोग न करने के लिए शपथ भी दिलाई जाएगी।