कैसे कम हो सकेगा प्रदूषण जब नहीं दे रहे सीएनजी परमिट Prayagraj News
शहर भर में धड़ल्ले से डीजल वाले टेंपो दौड़ रहे हैं। कमिश्नर के आदेश के बाद भी अफसर रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। वहीं सीएनजी के वाहनों को परमिट नहीं दिया जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। शहर की आबोहवा को दुरुस्त करने के लिए डीजल वाहनों का संचालन साल भर पहले ही बंद करना था। उनकी जगह सीएनजी वाले आटो और टेंपो चलाए जाने थे। हालांकि इसे अफसरों की लापरवाही कहें या टेंपो वालों की मनमानी कि शहर भर की सड़कों पर डीजल गाडिय़ां जहरीला धुआं उगलते धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। वहीं सीएनजी के वाहनों को परमिट नहीं दिया जा रहा है।
डीजल से चलने वाले आटो और बसों के कारण प्रदूषण दिनों दिन बढ़ रहा
दरअसल शहरी क्षेत्र में डीजल से चलने वाले आटो और बसों के कारण प्रदूषण दिनोंदिन बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में यह खतरनाक स्थिति तक न पहुंचे, इसलिए तीन साल पहले शहर में सीएनजी फीलिंग पंप लगाए गए। फिर डीजल गाडिय़ों को बंद करके सीएनजी से चलने वाली गाडिय़ों को परमिट दिया जाने लगा। ऐसा करीब साल भर तक चला। इस दौरान डेढ़ हजार डीजल गाडिय़ों को सीएनजी का परमिट दिया गया। उसके बाद आरटीओ ने सीएनजी की उपलब्धता कम होने की बात कहते हुए वाहनों को सीएनजी परमिट देना ही बंद कर दिया। वहीं इंडियन आयल अडानी गैस लिमिटेड (आइओएजी) ने शहर भर में पांच पंप लगा दिए। पंप बढऩे के बाद भी परमिट नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने परमिट शुरू करने की मांग की।
मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई थी बैठक
13 अगस्त को मंडलायुक्त आशीष गोयल की अध्यक्षता में सड़क परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक हुई थी। उन्होंने कहा था कि डीजल से चलने वाले आटो, टेंपो और बसों को बंद कराया जाए। साथ ही सीएनजी के कितने वाहनों को परमिट दिया जाए, जिससे ट्रैफिक की व्यवस्था दुरुस्त रहे। इसके लिए आरटीओ प्रशासन, एसपी ट्रैफिक और एडीएम सिटी की कमेटी बनाई। इस कमेटी को सप्ताह भर में रिपोर्ट सौंपना था लेकिन अब तक इन अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार नहीं की। ऐसे में प्रदूषण में कमी लाना कैसे संभव हो पाएगा।
बोले आरटीओ
आरटीओ प्रशासन डीके सिंह ने कहा कि कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक नहीं हो पाई है। इसलिए रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं कर पाए हैं। एडीएम सिटी और एसपी ट्रैफिक मीटिंग के लिए समय देंगे तो रिपोर्ट बनाकर मंडलायुक्त को सौंपा जाएगा।
एडीएम सिटी कहते हैं
एडीएम सिटी अरविंद कनौजिया कहते हैं कि काम की व्यस्तता तो रहती ही है। फिर भी मीटिंग के लिए आरटीओ को तीन बार समय दिया गया, लेकिन वह आए ही नहीं। उन्हें ही मीटिंग के लिए पहल करनी है। वह नहीं आ रहे हैं इसलिए रिपोर्ट नहीं बनी।
यह कहना है एसपी ट्रैफिक का
एसपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह का कहना है कि इस मामले पर अब तक तो कोई मीटिंग ही नहीं हुई है। आरटीओ प्रशासन ने मीटिंग के लिए बताया ही नहीं। अब आरटीओ से बात करके रिपोर्ट तैयार की जाएगी।