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एडीसी से शुरू हुआ था लक्ष्मी शंकर ओझा का सियासी सफर, श्रद्धांजलि का दौर Prayagraj News

भाजपा नेता व इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी शंकर ओझा का निधन हो गया है। उन्‍होंने एडीसी से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी। अापातकाल में जेल भी गए थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 10:29 AM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 10:29 AM (IST)
एडीसी से शुरू हुआ था लक्ष्मी शंकर ओझा का सियासी सफर, श्रद्धांजलि का दौर Prayagraj News
एडीसी से शुरू हुआ था लक्ष्मी शंकर ओझा का सियासी सफर, श्रद्धांजलि का दौर Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। करछना के सेमरहा गांव निवासी भाजपा नेता व इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी शंकर ओझा ने अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत इलाहाबाद डिग्री कॉलेज से की थी। स्नातक की पढ़ाई के दौरान वह वर्ष 1973-74 में यहां छात्रसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। इसके बाद इविवि में प्रवेश लिया। यहां छात्रसंघ के महामंत्री पद पर वर्ष 1981-82 में चुने गए थे। वर्ष 1990-91 में विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए थे।

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बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ शहर पश्चिमी से चुनाव लड़ा था

छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे बताते है कि महामंत्री बनने से पहले उन्होंने इविवि व हॉस्टलों में की गई फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन किया था। इविवि के अध्यक्ष व महामंत्री रह चुके ओझा ने बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ शहर पश्चिमी से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

...अनुमति एक शर्त पर मिलेगी कि वहां लक्ष्मी शंकर ओझा न रहें

इविवि के संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष व उनके करीबी प्रो. आरके शास्त्री ने बताया कि वर्ष 1974-75 में केपी ट्रस्ट का स्वर्ण जयंती समारोह था। समारोह में देश के पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को आना था। उसके एक दिन पहले डॉ. मुरली मनोहर जोशी अपने मित्रों के साथ तत्कालीन एसएसपी बीएस बेदी के पास पहुंचे और हॉस्टल में भ्रष्टाचार के खिलाफ समारोह का विरोध करने की अनुमति मांगी। इस पर एसएसपी ने डॉ. जोशी से कहा कि अनुमति एक शर्त पर मिलेगी कि उसमें लक्ष्मी शंकर ओझा न रहें। इसी शर्त पर उन्हें अनुमति मिली।

आपातकाल के दौरान जेल भी गए

भाजपा काशी प्रांत के मीडिया सह संयोजक मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि आपातकाल के दौरान पहली बार जनवरी 1975 में और दूसरी बार 26 जून 1975 को उन्हें जेल जाना पड़ा था। उन्हें 19 महीने जेल में रहना पड़ा था।

जुझारू संघर्षशील, मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे : निवर्तमान छात्रसंघ उपाध्यक्ष

छात्रसंघ बहाली समेत पांच सूत्रीय मांगों के समर्थन में चल रहा छात्रों का धरना श्रद्धांजलि सभा के बाद स्थगित कर दिया गया। निवर्तमान छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लक्ष्मीशंकर ओझा व्यक्तिगत रूप से जुझारू संघर्षशील और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष दिनेश सिंह यादव, पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, आदर्श मोहन पांडेय, अजय सम्राट, सत्यम कुशवाहा, आनंद सेंगर, जितेश मिश्रा, धीरन, सौरभ, सत्या, प्रशांत आदि मौजूद रहे।


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