आशीष संग ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों से पुलिस ने की पूछताछ
आशीष के शव का पोस्टमार्टम दो डाक्टरों के पैनल ने किया। हेड इंजरी से मौत की पुष्टि हुई। हालांकि डाक्टरों का कहना है कि चोट एक्सीडेंटल भी हो सकती है।
प्रयागराज : ईवीएम जमा कर लौटने के दौरान हुई सिंचाई विभाग के लिपिक आशीष त्रिपाठी की हत्या के मामले में पुलिस ने मोबाइल की सीडीआर और सीसीटीवी कैमरे खंगाले हैं। पुलिस ने आशीष के साथ बारा क्षेत्र में चुनाव ड्यूटी करने वाले 12 कर्मचारियों से पूछताछ की। आशीष मुंडेरा मंडी से किसके साथ निकला, उसे हाईवे तक पहुंचाने कौन गया। आशीष ड्यूटी के दौरान किससे बात करता रहा, इन्हीं सब सवालों के जवाब तलाशने के लिए पुलिस ने घंटों पूछताछ की। इंस्पेक्टर सोरांव का कहना है कि घरवालों से फिर बात हुई है लेकिन किसी पर शक नहीं जताया गया। घरवालों से बात करने से पहले आशीष ने दो नंबरों पर बात की थी। उन नंबरों की जांच की जा रही है।
सोरांव के ओहरपुर गांव निवासी आशीष कुमार त्रिपाठी (35) पुत्र स्वर्गीय जनार्दन त्रिपाठी सिंचाई विभाग में लिपिक के पद पर नियुक्त था। आशीष चुनाव डयूटी के लिए पीठासीन अधिकारी के साथ बारा तहसील चला गया। रविवार की रात उसने मुंडेरा मंडी में ईवीएम जमा कराई। रात दस बजे उसने अधिवक्ता भाई मनीष को फोन कर बताया कि काम खत्म होने वाला है। वह किसी वाहन से हाईवे तक पहुंच जाएगा। इसके बाद आशीष घर नहीं पहुंचा। सोमवार दोपहर सरायदीना गांव के पास सड़क के किनारे बने गड्ढे में आशीष का शव पाया गया। सिर और माथे पर गहरे घाव थे। आशीष के शव का पोस्टमार्टम दो डाक्टरों के पैनल ने किया। हेड इंजरी से मौत की पुष्टि हुई। हालांकि डाक्टरों का कहना है कि चोट एक्सीडेंटल भी हो सकती है। इंस्पेक्टर सोरांव अरुण चतुर्वेदी के मुताबिक, दो नंबरों पर आशीष बात करता रहा था। उन नंबरों की डिटेल मंगाई गई है। नौ अन्य नंबरों की कॉल डिटेल चेक कराई जा रही है। सीसीटीवी कैमरों में खास सुराग नहीं मिल सका है। आशीष के साथ ड्यूटी करने वालों से पूछताछ हुई है लेकिन वह नहीं बता सके कि रात में वह हाईवे तक कैसे पहुंचा।
पुलिस की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार :
लिपिक आशीष का शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। मृतक की मां मिथिला भाई आलोक व मनीष के साथ ही बहन का रो रोकर बुरा हाल रहा। परिजन बेवजह हुई हत्या को लेकर सकते में हैं। भाइयों ने बताया कि लगभग दो साल पूर्व पिता को खोने के बाद अब भाई के खोने का सदमा बहुत बड़ा है। पुलिस की मौजूदगी में परिजनों ने मृतक के शव का अंतिम संस्कार फाफामऊ घाट पर किया।
कर्मचारियों में आक्रोश, मुआवजे की मांग :
लिपिक आशीष त्रिपाठी की हत्या पर सिंचाई विभाग के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन इरिगेशन डिपार्टमेंट उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों ने बुधवार को डीएम को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। मंगलवार को शोक सभा आयोजित कर आशीष को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें मो. एजाज अहमद, कमल नयन सिंह, आलोक रंजन, ओम सिंह, संतोष कुमार, राजेंद्र कुमार, सत्य प्रकाश आदि मौजूद रहे। मंत्री सिद्धार्थ सोनकर का कहना है कि जल्द गिरफ्तारी न हुई तो प्रदर्शन होगा। मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन इरिगेशन डिपार्टमेंट के अध्यक्ष पीयूष कुमार श्रीवास्तव ने आशीष के परिजनों को मुआवजे देने की मांग की है। कहा है कि आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी के साथ ही निर्वाचन बीमा की धनराशि का भुगतान परिवार को किया जाना चाहिए।
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