Mass Murder in Prayagraj : सामूहिक हत्याकांड में बेटे-बेटी के परिचितों में सुराग तलाश रही पुलिस
घटना के बारे में जो भी सुराग मिल रहे हैं उसके आधार पर जांच कर सच्चाई का पता लगाया जा रहा है। संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी चल रही है।
प्रयागराज,जेएनएन। होलागढ़ थाना क्षेत्र में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या की जांच कर रही पुलिस को अहम सुराग मिलेे हैं। अब पुलिस की एक टीम, मारे गए प्रिंस और उनकी बहनों के रिश्तों की पड़ताल में जुट गई है। मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पता चला है कि प्रिंस की एक शख्स से लंबी बात होती थी। उसके दोस्तों व परिचितों से भी कुछ सुराग मिले हैैं जिससे माना जा रहा है कि वारदात में किसी करीबी का ही हाथ हो सकता है। कई जगह छापेमारी करते हुए कुछ संदिग्ध युवकों को पूछताछ के लिए उठाया गया है। अस्पताल में भर्ती रचना उर्फ ऊषा की हालत में सुधार न होने के कारण बयान नहीं दर्ज किया जा सका।
संदिग्धों से उठाकर पूछताछ कर रही पुलिस
बरई हरख गांव के मजरा शुकुल का पूरा में विमलेश पांडेय, उनके बेटे प्रिंस, बेटी श्रेया व शीबू की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई थी। विमलेश की पत्नी रचना को हमलावरों ने मरणासन्न कर दिया था। पांच टीमें गठित होने के बावजूद अब तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग सका है। घटना में किसी घुमंतू गिरोह के हाथ होने का शक जताते पुलिस ने बंजारों के डेरे समेत कई स्थानों पर छापेमारी की लेकिन, कुछ सफलता नहीं मिल सकी। शनिवार को होमगार्ड, उसके बेटे, पत्नी बेटी व कई अन्य से पूछताछ हुई। रविवार को एक पान विक्रेता समेत कई युवकों को हिरासत में लिया गया है। एसएसपी अभिषेक दीक्षित ने बताया कि घटना के बारे में जो भी सुराग मिल रहे हैं, उसके आधार पर जांच कर सच्चाई का पता लगाया जा रहा है। संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी चल रही है। जल्द ही वास्तविक अभियुक्तों को ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
तालाब में नहीं मिला मोबाइल फोन
होमगार्ड के 13 वर्षीय बेटे ने पुलिस को बताया कि उसे विमलेश पांडेय का मोबाइल फोन सड़क पर मिला था। उसे घर ले जाकर चार्ज किया और फिर बात की थी। जब उसे पता चला कि किसका मोबाइल है तो उसने गांव से कुछ दूर स्थित तालाब में फेंक दिया था। रविवार को पुलिस ने पंपिंग सेट लगाकर तालाब का कुछ पानी निकाला लेकिन, फोन उसमें नहीं मिला।
घटना के बाद बंजारों का वेरीफिकेशन
घटना के बाद जागी नवाबगंज पुलिस ने नवाबगंज से लेकर लालगोपालगंज के बीच रहने वाले बंजारों और घुमंतू जाति के अन्य लोगों का सत्यापन शुरू किया है। अलग-अलग स्थानों पर डेरा जमाए बंजारों से घटना के बारे में भी पूछताछ की गई है। हालांकि एसओजी की टीम ने लूट के एंगल पर ही हत्यारों के बारे में जानकारी जुटाते हुए कई शख्स को पूछताछ के लिए उठाया है।