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लल्लू जी एंड संस समेत 11 पर प्रयागराज के कुंभ मेला में 109.85 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला, जटिल गुत्‍थी की पुलिस कर रही जांच

प्रयागराज मेला प्राधिकरण के जिन कर्मचारियों के जाली हस्ताक्षर की बात कही जा रही है उनका नाम सामने क्यों नहीं लाया गया है। यह भी साफ नहीं किया गया है कि सिर्फ कर्मचारियों के हस्ताक्षर के बाद यह दस्तावेज अफसरों तक पहुंच गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 08:16 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 09:22 AM (IST)
लल्लू जी एंड संस समेत 11 पर प्रयागराज के कुंभ मेला में 109.85 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला, जटिल गुत्‍थी की पुलिस कर रही जांच
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने फर्जी दस्‍तावेज के मामले में केस दर्ज कराया है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की तहरीर पर दारागंज पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। शुक्रवार रात अपर मेलाधिकारी कुंभ मेला ने लल्लू जी एंड संस समेत 11 लोगों पर 109.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि जाली दस्तावेजों को तैयार करना जितना आसान बताया जा रहा है, हकीकत में वह उतना आसान नहीं है। 109.85 करोड़ रुपये के जाली दस्तावेज तैयार करने में तमाम ऐसे कागजात का उपयोग किया गया होगा, जो पटरी दर पटरी आगे बढ़ा होगा।

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एक से दूसरी और दूसरी से तीसरी टेबल तक पहुंचा होगा। आखिर में इन दस्तावेजों को फाइनल टच देने के लिए अफसरों के सामने ले जाया गया, तब जाकर यह पूरा खेल पकड़ में आया। लेकिन जिन टेबलों से होकर यह दस्तावेज आगे बढ़े, वहां इनको कैसे नहीं पकड़ा जा सका। इस पहेली को सुलझाने में इतनी गांठे हैं कि बहुत मुश्किल से यह सुलझेगी।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण के कर्मचारियों के फर्जी हस्ताक्षर

पुलिस को दी गई तहरीर में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण के कर्मचारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेजों को तैयार किया गया। अब सवाल यह है कि जब दस्तावेजों को पहली टेबल पर ले जाया गया तो वहां से पास होने के बाद क्या एजेंसी से जुड़े लोग इसे अपने साथ ले गए या फिर विभाग में ही इसे रखा गया था। इसके बाद यह दस्तावेज कैसे आगे बढ़ते रहे।

कर्मचारियों का नाम सामने नहीं लाया जा रहा

प्रयागराज मेला प्राधिकरण के जिन कर्मचारियों के जाली हस्ताक्षर की बात कही जा रही है, उनका नाम सामने क्यों नहीं लाया गया है। यह भी साफ नहीं किया गया है कि सिर्फ कर्मचारियों के हस्ताक्षर के बाद यह दस्तावेज अफसरों तक पहुंच गए। इतने बड़े मेले को क्या कर्मचारी ही संभाल रहे थे। तमाम बिल पर वही हस्ताक्षर कर रहे थे। क्या किसी अधिकारी की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। यह तमाम बिंदु हैं, जिसका जवाब शायद प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अफसरों के पास शायद नहीं है, लेकिन यह भी तय है कि इन जाली दस्तावेजों को तैयार करने में कहीं न कहीं छेद जरूर है।

लल्‍लू जी एंड संस समेत 11 पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

दारागंज थाने में अपर मेलाधिकारी कुंभ मेला दयानंद प्रसाद ने लल्‍लू जी एंड संस समेत 11 लोगों पर 109.85 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। इन सभी पर गंभीर आरोप भी लगाया गया है। रुपये हासिल करने में मेला प्राधिकरण के कर्मचारियों की कूटरचना कर दस्‍तावेजों को तैयार करने की बात है।

यह था पूरा मामला

तहरीर के अनुसार प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से कुंभ मेला 15 जनवरी 2019 से चार मार्च 2019 तक संपन्‍न हुआ था। मेला की तैयारी में मेसर्स लल्‍लू जी एंड संस के ठेकेदार के रूप में टेंट, टीन व फर्नीचर की किराए पर आपूर्ति को 18 अक्‍टूबर 2018 को पत्र भेजा गया था। प्राधिकरण व मेसर्स लल्‍लू जी एंड संस (एजेंसी) के बीच नवंबर में अनुबंध हुआ। मेसर्स लल्‍लू जी एंस संस के अभिलेख में 10 साझीदार थे। एजेंसी ने 1.96 करोड़ रुपये के बिल 27 जनवरी 2019 से छह जुलाई 2019 के बीच दिए गए। इसमें 86.38 करोड़ रुपये के बिल जांच में सही मिले। हालांकि अन्‍य के संबंध में मेला प्राधिकरण ने आपत्ति लगाते हुए एजेंसी को नोटिस भेजी। इसके तहत 109.85 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ लेने के साथ ही राजकोषीय धन को नुकसान पहुंचाने के लिए यह जाली दस्‍तावेज तैयार तैयार करवाए गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


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