फर्जीवाड़ा के लिए कितनी मिली रकम, पता लगा रही पुलिस Prayagraj News
मणिषेक भी दिगवारा सारण का रहने वाला है। वह लिखित परीक्षा और दौड़ में भी आयुष्मान की जगह शामिल हुआ था। देर रात उसके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा लिखा गया था। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रविंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मणिषेक से पूछताछ की जा रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) की तरफ ग्रुप डी की भर्ती में फर्जीवाड़ा करने आरोपित मणिषेक कुमार से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अभियुक्त को इस काम के लिए कितना पैसा मिला था और किसने दिया था। ताकि अगर किसी गिरोह के जरिए फर्जीवाड़ा हो रहा है, तो उसका भंडाफोड़ किया जा सके। देर शाम तक आरोपित को जेल भी भेज दिया जाएगा।
सत्यापन में आया पकड़ में
उत्तर मध्य रेलवे में ग्रुप डी के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और दौड़ में सफल अभ्यर्थियों का बुधवार को सत्यापन किया जा रहा था। इसी दौरान बिहार के सारण जिले के दिगवारा थाना क्षेत्र स्थित दिगवारा गांव निवासी आयुष्मान अमन की जगह मणिषेक कुमार सत्यापन प्रक्रिया में शामिल हुआ। जब उसके अंगूठे का निशान और तस्वीर मैच नहीं हुआ तो अधिकारियों को शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
सिविल लाइंस थाने में मुकदमा
मणिषेक भी दिगवारा सारण का रहने वाला है। वह लिखित परीक्षा और दौड़ में भी आयुष्मान की जगह शामिल हुआ था। देर रात उसके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा लिखा गया था। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रविंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मणिषेक से पूछताछ की जा रही है। कुछ सुराग और दूसरे युवकों को नाम मिलने पर उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।