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UPSESSB की फर्जी वेबसाइट बनाने की जांच शुरू Prayagraj News

शातिरों ने यूपीएसईएसएसबी की वेबसाइट से मिलते-जुलते नाम की फर्जी वेबसाइट बनाई। इसके बाद उसी फर्जी वेबसाइट के जरिए शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा की कोशिश की।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 02:16 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 02:16 PM (IST)
UPSESSB की फर्जी वेबसाइट बनाने की जांच शुरू Prayagraj News
UPSESSB की फर्जी वेबसाइट बनाने की जांच शुरू Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर जाली नियुक्ति पत्र देने की जांच शुरू हो गई है। कर्नलगंज पुलिस जालसाजों तक पहुंचने के लिए साइबर सेल की मदद ले रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही शातिरों का पता लगाकर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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वेबसाइट के जरिए शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा की कोशिश की गई थी

दरअसल, कुछ शातिरों ने चयन बोर्ड की वेबसाइट के मिलते-जुलते नाम की फर्जी वेबसाइट बनाई। इसके बाद उसी फर्जी वेबसाइट के जरिए सहायता प्राप्त स्कूलों की शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की गई। इसकी जानकारी होने पर बोर्ड के उपसचिव नवल किशोर ने एसएसपी सिद्धार्थ अनिरुद्ध पंकज से शिकायत की थी। एसएसपी के आदेश पर कर्नलगंज थाने में मुकदमा कायम हुआ है। पुलिस का कहना है कि सिमकॉम टेक्नोलॉजी संगठन पर फर्जी वेबसाइट बनाकर धोखाधड़ी करने की कोशिश का आरोप है।

कर्नलगंज इंस्पेक्टर बोले, विवेचना में साइबर सेल से ली जाएगी मदद

इंस्पेक्टर कर्नलगंज अरुण त्यागी का कहना है कि मामला तकनीक से जुड़ा है। ऐसे में विवेचना साइबर सेल की मदद से की जाएगी। कंप्यूटर के आइपी एड्रेस के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि फर्जी वेबसाइट कब बनाई गई थी। यह भी जानकारी जुटाई जाएगी कि ऐसे कितने लोगों हैं, जिन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया है।

बैंककर्मी पर फर्जीवाड़ा का केस

स्टेट बैंक आफ इंडिया के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है। एफआइआर रामबाग निवासी स्मृति श्रीवास्तव ने कराई है। आरोप है कि उन्होंने सिविल लाइंस शाखा में 10 हजार रुपये का चेक डाला था। उसे कुछ कर्मचारियों ने गायब कर दिया। इसके बाद उसकी चेक में फर्जीवाड़ा करके चंडीगढ़ स्थित केनरा बैंक से दो लाख रुपये निकाल लिए गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

धोखाधड़ी करने पर मुकदमा

मनी फाइनेंस कंपनी की कर्मचारी मनीषा व ऋण विभाग के मैनेजर प्रवीण के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज हुई है। एफआइआर सौरभ मिश्रा ने कराई है। आरोप है कि मैनेजर व कर्मचारी ने लोन का आश्वासन देकर 34 हजार रुपये जमा करवाए। इसके बाद न लोन दिलवाया और न पैसा वापस किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


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