प्लीज सर मेरे शरीर से डिवाइस को निकलवा दीजिए
साहब एक कंपनी में नौकरी के दौरान मेरे शरीर में निगरानी के लिए डिवाइस लगा दी गई है। प्लीज सर उसे निकलवा दीजिए। अब बहुत दिक्कत हो रही है।
By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 05:30 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 05:31 PM (IST)
प्रयागराज : एडीएम सिटी अशोक कनौजिया अपने कार्यालय में बैठकर आम जनता की समस्याओं को सुन रहे थे। समाधान के लिए वह संबंधित विभागों को मार्क करते जा रहे थे। इसी बीच एक आवेदन पत्र को देखकर वह चौंक गए। चौंक इसलिए गए, क्योंकि आवेदन पत्र में लिखा था कि उसके शरीर में जासूसी डिवाइस लगाई गई है, उसे निकलवा दीजिए। उन्होंने आवेदन लेकर आए व्यक्ति को गौर से देखा और कुछ सवाल करने के बाद सीएमओ डॉ.जीएस बाजपेई को जांच के निर्देश दिए।
आवेदन का मजमून इस प्रकार था
आवेदन पत्र इस तरह था 'सेवा में जिलाधिकारी महोदय, प्रयागराज। मैं करछना तहसील का रहने वाला हूं। चेन्नई स्थित एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करता हूं। एक अप्रैल को अस्वस्थ हुआ तो कंपनी की तरफ से मुझे अधिक शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ना दी जाने लगी। इससे मेरी तबीयत और खराब हो गई तो कंपनी के द्वारा अधिकृत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल में कंपनी के लोगों ने मिलकर मेरे शरीर में कोई ऐसी डिवाइस लगवा दी है कि मेरे हर पल की खबर कंपनी को मिलती रहती है और आए दिन वह मुझे शारीरिक व मानसिक तौर पर परेशान कर रहे हैं। मैं पूरी रात-रात जागता हूं, वह लोग मुझे सोने नहीं देते। इससे मुझे शारीरिक व मानसिक पीड़ा हो रही है। महोदय सीएमओ को आदेशित करें कि मेरे शरीर की जांच कर जासूसी डिवाइस को निकाली जाए।'
एडीएम सिटी ने सीएमओ को जांच का दिया निर्देश
पूरा पत्र पढ़ने के बाद एडीएम सिटी अशोक कनौजिया ने सीएमओ को जांच कराने का निर्देश दिया। सीएमओ के निर्देश पर जब काल्विन (मोतीलाल नेहरू मंडलीय) अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राकेश पासवान ने उस व्यक्ति की जांच की तो पता चला कि शरीर में कोई डिवाइस नहीं है, बल्कि वह स्किजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित है।
क्या है स्किजोफ्रेनिया
स्किजोफ्रेनिया यानी मनोविद्वलता एक तरह की मानसिक समस्या है। इसमें व्यक्ति को ऐसी चीजों पर विश्वास हो जाता है जो हकीकत में होती ही नहीं। कान में किसी की आवाज सुनाई देना, ऐसी चीजें दिखाई देना जो वास्तविक नहीं होती। यह बीमारी बहुत कम लोगों को होती है। ऐसे मरीज सामान्य लोगों की तरह ही नजर आते हैं।
बोले एडीएम सिटी
एडीएम सिटी अशोक कनौजिया का कहना है कि एक व्यक्ति आवेदन पत्र लेकर आया था जो खुद के शरीर में डिवाइस लगी होने की बात कह रहा था। देखने में वह बिल्कुल सामान्य था। सीएमओ को जांच के लिए लिखा था। ऐसा मामला हमारे सामने पहली बार आया।
काल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सिक ने कहा
वहीं, काल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ.राकेश पासवान का कहना है कि वह मरीज स्किजोफ्रेनिया से ग्रसित है। उसका इलाज शुरू है। जल्द ही स्वस्थ हो जाएगा। उसके शरीर में किसी तरह की डिवाइस नहीं लगी है।
आवेदन का मजमून इस प्रकार था
आवेदन पत्र इस तरह था 'सेवा में जिलाधिकारी महोदय, प्रयागराज। मैं करछना तहसील का रहने वाला हूं। चेन्नई स्थित एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करता हूं। एक अप्रैल को अस्वस्थ हुआ तो कंपनी की तरफ से मुझे अधिक शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ना दी जाने लगी। इससे मेरी तबीयत और खराब हो गई तो कंपनी के द्वारा अधिकृत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल में कंपनी के लोगों ने मिलकर मेरे शरीर में कोई ऐसी डिवाइस लगवा दी है कि मेरे हर पल की खबर कंपनी को मिलती रहती है और आए दिन वह मुझे शारीरिक व मानसिक तौर पर परेशान कर रहे हैं। मैं पूरी रात-रात जागता हूं, वह लोग मुझे सोने नहीं देते। इससे मुझे शारीरिक व मानसिक पीड़ा हो रही है। महोदय सीएमओ को आदेशित करें कि मेरे शरीर की जांच कर जासूसी डिवाइस को निकाली जाए।'
एडीएम सिटी ने सीएमओ को जांच का दिया निर्देश
पूरा पत्र पढ़ने के बाद एडीएम सिटी अशोक कनौजिया ने सीएमओ को जांच कराने का निर्देश दिया। सीएमओ के निर्देश पर जब काल्विन (मोतीलाल नेहरू मंडलीय) अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राकेश पासवान ने उस व्यक्ति की जांच की तो पता चला कि शरीर में कोई डिवाइस नहीं है, बल्कि वह स्किजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित है।
क्या है स्किजोफ्रेनिया
स्किजोफ्रेनिया यानी मनोविद्वलता एक तरह की मानसिक समस्या है। इसमें व्यक्ति को ऐसी चीजों पर विश्वास हो जाता है जो हकीकत में होती ही नहीं। कान में किसी की आवाज सुनाई देना, ऐसी चीजें दिखाई देना जो वास्तविक नहीं होती। यह बीमारी बहुत कम लोगों को होती है। ऐसे मरीज सामान्य लोगों की तरह ही नजर आते हैं।
बोले एडीएम सिटी
एडीएम सिटी अशोक कनौजिया का कहना है कि एक व्यक्ति आवेदन पत्र लेकर आया था जो खुद के शरीर में डिवाइस लगी होने की बात कह रहा था। देखने में वह बिल्कुल सामान्य था। सीएमओ को जांच के लिए लिखा था। ऐसा मामला हमारे सामने पहली बार आया।
काल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सिक ने कहा
वहीं, काल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ.राकेश पासवान का कहना है कि वह मरीज स्किजोफ्रेनिया से ग्रसित है। उसका इलाज शुरू है। जल्द ही स्वस्थ हो जाएगा। उसके शरीर में किसी तरह की डिवाइस नहीं लगी है।
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