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दुर्घटना के सबब बन सकते हैं अमोनिया के प्रयोग वाले प्लांट

दो साल में एक दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें दो की मौत हो चुकी है। यह घटनाएं अमोनिया गैस के रिसाव के कारण हो चुकी हैं। इनमें 60 से ज्यादा लोग दिव्यांग हो चुके हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 06:22 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:22 PM (IST)
दुर्घटना के सबब बन सकते हैं अमोनिया के प्रयोग वाले प्लांट
दुर्घटना के सबब बन सकते हैं अमोनिया के प्रयोग वाले प्लांट

प्रयागराज : फूलपुर स्थित एशिया स्तर के यूरिया उत्पादन कारखाना इफ्को में अमोनिया गैस रिसाव की घटना ने शहर के लोगों की भी चिंता बढ़ा दी है। शहर में आबादी वाले इलाके में सौ से ज्यादा अमोनिया के प्रयोग वाले प्लांट संचालित हैं, जहां हर क्षण रिसाव की आशंका है जिससे स्थानीय लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। 

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अमोनिया के रिसाव से सात संविदा कर्मियों की हालत हुई थी खराब

इफ्को में गुरुवार को अमोनिया गैस का रिसाव हो गया था, जिसमें सात संविदा कर्मियों की हालत बिगड़ गई थी। अमोनिया गैस के रिसाव से संविदा कर्मियों को सांस लेने में दिक्कत तो हुई ही, सीने में दर्द, गले में जलन होने लगी थी। सूचना पर पहुंचे राहत व बचाव दल के सदस्यों ने पीडि़त संविदा कर्मियों को तत्काल इफ्को स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। इसके पहले 25 जनवरी को भी वॉल्व खोलने के दौरान अमोनिया का रिसाव हुआ था तब तीन मजदूरों की हालत बिगड़ गई थी। पिछले साल 15 मई 2018 को भी अमोनिया लीकेज से नौ लोगों की हालत बिगड़ गई थी, जिन्हें लखनऊ भेजा गया था। 

शहर के भी प्लांट में हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

इफ्को में ही नहीं शहर में स्थित अमोनिया के प्रयोग वाले प्लांट में भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें काफी लोगों की हालत बिगड़ी थी। यही नहीं दो घटनाओं में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। नैनी में शंकरढाल के पास आइस फैक्ट्री में पिछले साल 13 अप्रैल को सिलिंडर में धमाके के बाद आग लग गई और अमोनिया का रिसाव होने लगा था। कुछ ही देर में पूरे मोहल्ले में जहरीली गैस फैलने से करीब दर्जनभर लोग अचेत हो गए थे और कई मवेशियों ने दम तोड़ दिया था। गैस की चपेट में आए लोगों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। उस घटना में एक महिला की मौत हो गई थी। बाद में आइस फैक्ट्री को सीज कराकर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। 

सहसों के कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस का हुआ था रिसाव

सहसों में 19 फरवरी 2017 को कोल्ड स्टोर में अमोनिया गैस का रिसाव हो गया था। इसमें स्टोर के ऑपरेटर थरवई के सिंगरामऊ निवासी दिनेश मिश्रा की मौत हो गई थी, जबकि 11 लोग बेहोश हो गए थे। अमोनिया लीकेज के दौरान तेज दुर्गंध और आंखों में जलन महसूस होने पर लोग इधर-उधर भागने लगे थे। इसी तरह 13 अप्रैल 2017 को सदियापुर में आइस फैक्ट्री में अमोनिया गैस का रिसाव हो गया था। फैक्ट्री के अंदर गैस की तीखी गंध और आंखों में जलन से मोहल्ले के लोग दहशत में आ गए थे। इससे पहले तेलियरगंज स्थित आलू कोल्ड स्टोर में भी अमोनिया का रिसाव हुआ था। इसी साल मुट्ठीगंज स्थित महाबीरन गली में भी आइस फैक्ट्री में अमोनिया का रिसाव हुआ था, जिसमें कई लोग बेहोश हो गए थे। 

अमोनिया के प्रयोग वाले सौ से ज्यादा प्लांट

शहर के बमरौली, तेलियरगंज, सलोरी, बघाड़ा, अल्लापुर, रामबाग, मुट्ठीगंज, करेली, खुल्दाबाद, झलवा, दारागंज, राजापुर, कर्नलगंज आदि इलाके में सौ से ज्यादा ऐसे प्लांट हैं जहां अमोनिया का प्रयोग होता है। शहर के आसपास फाफामऊ, झूंसी, नैनी, सहसों, करछना, जसरा, सोरांव, फूलपुर में भी पचास से ज्यादा प्लांटों में अमोनिया का भारी मात्रा में प्रयोग होता है। बताते हैं कि इन प्लांटों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। 

बोले एडीएम सिटी, प्लांटों की सूची बनाकर जांच कराई जाएगी

एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया का कहना है कि जल्द ही अमोनिया प्रयोग वाले प्लांटों की सूची बनाकर जांच कराई जाएगी। अमोनिया के भंडारण की स्थिति की जानकारी ली जाएगी। यही नहीं जो भी प्लांट आबादी वाले इलाके में होंगे, उन्हें आबादी से दूर शिफ्ट कराया जाएगा। 


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