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पूजन सामग्री निस्तारण के लिए बनेंगे गंगा यमुना के आसपास गड्ढे, संघ प्रमुख मोहन भागवत के निर्देश पर अमल के लिए गंगा समग्र ने कसी कमर

मिथिलेश ने बताया कि प्रयागराज में गंगा व यमुना के क्षेत्र में गड्ढे बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उसके पास बोर्ड में पूजन सामग्री गड्ढे में डालने का संदेश लिखा होगा। समूचे मेला क्षेत्र में अविरल गंगा निर्मल गंगा के लिए होर्डिंग भी लगाई गई हैं

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 06:00 AM (IST)
पूजन सामग्री निस्तारण के लिए बनेंगे गंगा यमुना के आसपास गड्ढे, संघ प्रमुख मोहन भागवत के निर्देश पर अमल के लिए गंगा समग्र ने कसी कमर
संघ प्रमुख मोहन भागवत के निर्देश और कार्ययोजना पर अमल के लिए गंगा समग्र ने कमर कस ली है।

प्रयागराज, जेएनएन। संघ प्रमुख मोहन भागवत के निर्देश और कार्ययोजना पर अमल के लिए गंगा समग्र ने कमर कस ली है। रविवार को स्वयंसेवकों की टोली निर्मल गंगा, अविरल गंगा की शपथ लेकर माघ मेला क्षेत्र पहुंची और श्रद्धालुओं को जागरूक कर घाटों पर सफाई अभियान चलाया। नदी में पूजन सामग्री प्रवाहित करने वालों को बताया कि निस्तारण के लिए बने गड्ढे में ही पूजन सामग्री डालें। ऐसे नदी को स्वच्छ रख सकते हैं।

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निर्मल गंगा, अविरल गंगा की शपथ लेकर माघ मेला क्षेत्र में पहुंच गई टोली

गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन सचिव मिथिलेश ने बताया कि प्रयागराज में गंगा व यमुना के क्षेत्र में गड्ढे बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उसके पास बोर्ड में पूजन सामग्री गड्ढे में डालने का संदेश लिखा होगा। समूचे मेला क्षेत्र में अविरल गंगा, निर्मल गंगा के लिए होर्डिंग भी लगाई गई हैं जिससे लोग सजग हों। घाट पर मौजूद कुछ तीर्थ पुरोहितों ने भी श्रद्धालुओं को स्वच्छता का संदेश दिया। कहा कि समाज में वैचारिक बदलाव की बयार लाकर रहेंगे। मेला क्षेत्र में भ्रमण कर रहे लोगों को स्वच्छता का संदेश सुना और अपशिष्ट पदार्थ गंगा में फेंकने से परहेज किया।


तीर्थ पुरोहितों के साथ जल्द बैठक

पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर बैठने वाले तीर्थ पुरोहितों के साथ जल्द बैठक होगी। गंगा समग्र के प्रांत सह संयोजक राकेश मिश्र ने बताया कि वंशावलियों के संरक्षण के कार्य को प्राथमिकता से किया जाएगा। तीर्थ पुरोहितों को उनके सजरा के रखरखाव के लिए भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। जो तीर्थ पुरोहित अपना कार्य छोड़ चुके हैं या उदासीन हैं उनसे भी संपर्क किया जाएगा। उनके पास रखी वंशावलियों को लेकर संरक्षण का प्रयास होगा। सब से पहले संगत तट के पुरोहितों को इस अभियान में शामिल करेंगे। उसके बाद जिले के 17 स्नान घाटों पर भी संपर्क किया जाएगा। सभी को प्रशिक्षण देने की भी तैयारी है। काशी प्रांत के तीर्थ पुरोहित प्रमुख आचार्य जितेंद्र गौड़ ने बताया कि तीर्थ पुरोहितों के प्रशिक्षण का कार्य प्रयागराज में शुरू हो चुका है। पहले चरण में तेलियरगंज, दारागंज, कीडगंज, मालवीय नगर, नैनी के अरैल तट पर यह प्रशिक्षण चल रहा है। माघ मेला के दौरान तट पर भी लोगों को जानकारी दी जा रही है। खासकर यज्ञोपवीत को शुद्ध करने, गणपति पूजन, रुद्री पाठ, शिव अभिषेक, स्तुति आदि के बारे में भी बताया जा रहा है।


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