इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो. हांगलू के समय में की गई नियुक्तियों को हाई कोर्ट में चुनौती
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू के कार्यकाल में हुई नियुक्ति को चुनौती दी गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू के कार्यकाल में हुई नियुक्ति को चुनौती दी गई है। याचिका में हिंदी विभाग में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसरों सहित 32 शिक्षकों के चयन को चुनौती दी है। याचिका में पूरी चयन प्रक्रिया को आर्डिनेंस के विपरीत बताते हुए उसे रद करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति बिश्वनाथ सोमद्दर व न्यायमूर्ति डॉ. वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने प्रदीप कुमार द्विवेदी की ओर से दाखिल इस याचिका पर सुनवाई के लिए छह मार्च की तारीख तय की है। याची के अनुसार प्रो. रतनलाल हांगलू ने अपने कार्यकाल में मनमाने तरीके से विभिन्न विभागों में शिक्षकों की नियुक्तियां की थी। इसी क्रम में हिंदी विभाग में 32 शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं, जो पूरी तरह अवैधानिक व अध्यादेश के विपरीत हैं।
याचिका में कहा गया है कि पूरी चयन प्रक्रिया ही गलत है, क्योंकि नियमानुसार चयन समिति में किसी भी बाहरी व्यक्ति को शामिल नहीं किया जा सकता, लेकिन इन शिक्षकों का चयन करने वाली समिति में प्रो. गोपेश्वर सिंह शामिल थे। इसके अलावा स्क्रीनिंग कमेटी भी डिफेक्टिव थी। नियमानुसार स्क्रीनिंग कमेटी में विभागाध्यक्ष, डीन व दो विशेषज्ञ रह सकते थे। इनमें एक विशेषज्ञ बाहर का हो सकता था। लेकिन, प्रो. हांगलू ने मनमाने तरीके से स्क्रीनिंग कमेटी में दो की जगह तीन विशेषज्ञ रख दिए।
याचिका में कहा गया है कि नियम के अनुसार रिजेक्टेड कंडीडेट का चयन किसी भी स्थिति में नहीं किया जाएगा। लेकिन, इस चयन प्रक्रिया में कुछ रिजेक्टेड अभ्यर्थियों का भी चयन कर लिया गया। यही नहीं, प्रो. हांगलू ने चयन के लिए 84 अभ्यर्थियों का सूची अप्रूव की और उस सूची से भी सात अभ्यर्थियों को चयनित कर लिया गया।