सरस्वती हार्ट केयर एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टर से 48 लाख जुर्माना दिलाने की अर्जी Prayagraj News
एक मरीज की लापरवाही से मौत के मामले में सरस्वती हार्ट केयर एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टर के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में याचिका दाखिल की है। 48 लाख जुर्माना दिलाने की अर्जी है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाज में लापरवाही बरतने के आरोपित सरस्वती हार्ट केयर एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टर डीके अग्रवाल से 48 लाख जुर्माना दिलाने की याचिका दाखिल हुई है। बहादुरगंज निवासी धर्मेंद्र केसरवानी ने स्थायी लोक अदालत में अर्जी पेश की है। कोर्ट के न्यायाधीश मार्कण्डेय राय ने डॉक्टर को जवाब पेश करने के लिए 19 नवंबर की तिथि मुकर्रर की है।
लापरवाही से मरीज की मौत मामले में जार्जटाउन थाने में केस दर्ज कराया था
याची ने बताया कि पत्नी चेतना केसरवानी को उच्च रक्तचाप की बीमारी बता 13 अगस्त 2019 को अस्पताल में भर्ती किया। पांच दिन तक इलाज करने के बाद चिकित्सकों ने जल्द डिस्चार्ज करने की बात कही। इलाज के दौरान डॉक्टर अथवा नर्स ने उन्हें इंजेक्शन लगाया, जिससे पत्नी की हालत बिगड़ी और कुछ देर बाद ही मौत हो गई। उनके शव को आनन-फानन में एंबुलेंस के जरिए घर भिजवा दिया। डॉक्टरों के इलाज करने में लापरवाही से मरीज की मौत मामले में जार्जटाउन थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी।
दो साल से पुराना बकाया नहीं मांग सकता बिजली विभाग
दो साल तक अगर बिजली विभाग किसी उपभोक्ता को बिल नहीं भेजता तो उसके बाद की वसूली नहीं की जा सकती है। हाईकोर्ट के इस प्रतिपादित सिद्धांत पर विद्युत उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम ने याची गजनफर उल्ला निवासी जीटीबी नगर करेली के मामले में फैसला दिया। याची का मामला यह है कि उसने वर्ष 1989 में विद्युत कनेक्शन का आवेदन कर कनेक्शन लिया था। बिजली विभाग ने लाइन नहीं दौड़ाई और मीटर भी नहीं लगाया। बिना बिजली कनेक्शन के ही 2016 में दो लाख रुपये का बिल भेज दिया था, जिसे फोरम ने खारिज कर दिया।