दारानगर में हुआ ऐतिहासिक कुप्पी युद्ध, गवाह बने हजारों लोग
शारदीय नवरात्र के समापन पर विजयदशमी के दिन कौशांबी के ऐतिहासिक दारानगर का कुप्पी युद्ध राम और रावण की सेना के बीच हुआ। दो दिन तक चले युद्ध का समापन शनिवार को हुआ।
प्रयागराज : कौशांबी जनपद में दारानगर की ऐतिहासिक रामलीला में विजयदशमी के दिन से दो दिवसीय कुप्पी युद्ध का शुभारंभ हुआ। इसका समापन शनिवार को एकादशी के दिन हुआ। इसके गवाह बने स्थानीय समेत आसपास जनपदों के लोग।
कुप्पी युद्ध में रामदल की सेना ने भगवा तो रावण दल की सेना ने काले वस्त्र धारण कर रणभूमि में उतरे। युद्ध के प्रथम चक्र में दोनों सेनाओं ने एक दूसरे पर वार किया। युद्ध 10 मिनट तक चलता रहा। इसके बाद युद्ध पर विराम लगा। इस प्रकार प्रथम दिन शुक्रवार को चार चक्रों में सूर्यास्त से पहले युद्ध हुआ। युद्ध के दौरान लक्ष्मण ने मेघनाथ पर बाण चलाए।
एकादशी के दिन यानी शनिवार को प्रथम चक्र के युद्ध के बाद लक्ष्मण को शक्ति लग जाती है, जिससे वह मूर्छित हो गए। ङ्क्षचतित रामदूत हनुमान सुषेण वैद्य को बुला ले आए। उनके कहने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी को ले आए जिससे लक्ष्मण होश में आते हैं। द्वितीय चक्र के युद्ध में लक्ष्मण जी मेघनाथ का वध कर देते हैं। इसके साथ ही तीसरे चक्र का युद्ध समाप्त हुआ। दो दिनों में सात चरणों में कुप्पी युद्ध हुआ। युद्ध में राम की सेना ने रावण दल को पराजित किया।
सांसद विनोद कुमार सोनकर, सिराथू विधायक शीतला प्रसाद पटेल, मंझनपुर विधायक लाल बहादुर चौधरी, मेला कमेटी के जिलाध्यक्ष आद्या प्रसाद पांडेय, योगेंद्र मिश्र, मूल प्रकाश त्रिपाठी, चंद्र नंदन साहू, बोलीदीन सतोष पासी, पंकज केसरवानी आदि मौजूद रहे।
तीतर की लड़ाई देखने जुटे लोग :
रणभूमि से 500 मीटर दूरी पर स्थित महुआ के बाग में लोगों ने अपने-अपने तीतर पर दांव आजमाया। इसमें जनपद सहित पड़ोसी जनपद फतेहुपर व प्रतापगढ़ से भी लोग अपने-अपने पक्षी लेकर आए। जिसकी भी लोगों ने खूब चर्चा की।