गंगा में शवों को प्रवाहित करने से रोका जाएगा, प्रयागराज में SDRF और जल पुलिस रख रही नजर
बिहार और यूपी के कुछ जनपदों में गंगा नदी में शवों के मिलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। यहां अधिकारियों ने गंगा नदी में निगरानी बढ़ाने को कहा है। रविवार को एसडीआरएफ और जल पुलिस ने अरैल झूंसी सलोरी फाफामऊ आदि जगहों पर बोट पर सवार होकर निरीक्षण किया।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी और बिहार में कई जगहों पर गंगा नदी में शवों के मिलने के बाद मची हलचल के बीच प्रयागराज में भी एसडीआरएफ और जल पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। शवों को नदी में प्रवाहित करने से रोकने के लिए भ्रमण के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में रहने वालों को भी सक्रिय किया गया है।
तटीय क्षेत्र में रहने वालों को भी किया गया है सजग
बिहार और यूपी के कुछ जनपदों में गंगा नदी में शवों के मिलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसे देखते हुए जिले के अधिकारियों ने गंगा नदी में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। रविवार को भी एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम ने अरैल, झूंसी, सलोरी, फाफामऊ आदि जगहों पर बोट पर सवार होकर निरीक्षण किया। इस दौरान नदी के किनारे रहने वाले लोगों से बातचीत करते हुए सहयोग मांगा गया। कहा गया कि अगर कोई नदी में शव को प्रवाहित करने आए तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें, ताकि समय रहते ऐसा करने वालों को रोका जा सके। जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव का कहना है कि लगातार टीमें नदी में भ्रमण कर रही हैं। जिले में कहीं भी शवों को गंगा नदी में प्रवाहित नहीं किया जा रहा है।
जल में शवों को प्रवाहित न करने देने के लिए कमेटी गठित
पर्यावरण हित में अपर मुख्य सचिव नगर विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश के क्रम में जल में शवों को प्रवाहित न करने अथवा जल समाधि न लेने देने के लिए 15 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। इसमें 10 पार्षदों को भी शामिल किया गया है। महापौर अभिलाषा गुप्ता कमेटी की अध्यक्ष, नगर आयुक्त रवि रंजन संयोजक सचिव, कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष अखिलेश ङ्क्षसह, मुख्य अभियंता सतीश कुमार और नगर स्वास्थ्य अधिकारी/ पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा सदस्य होंगे। इस व्यवस्था के क्रियांवयन और निगरानी के लिए 10 पार्षदों में ङ्क्षरकी यादव, मुकुंद तिवारी, कमलेश तिवारी, फजल खां, रोचक दरबारी, नेम यादव, राजेश निषाद, दीपक कुशवाहा, साहिल अरोरा, नीलम यादव शामिल हैं। हालांकि, इसमें ज्यादातर उन क्षेत्र के पार्षदों को शामिल किया गया है जिनके क्षेत्रों में अंतिम संस्कार किए जाते हैं।