Move to Jagran APP

गौरव की अनुभूति कराता है दूसरी राजधानी का एहसास

प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक प्रयागराज में हुई। इसे लेकर जनपदवासियों में खुशी है। इससे उन्‍हें दूसरी राजधानी का एहसास हुआ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 01:33 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 01:33 PM (IST)
गौरव की अनुभूति कराता है दूसरी राजधानी का एहसास
गौरव की अनुभूति कराता है दूसरी राजधानी का एहसास

प्रयागराज : प्रदेश की राजधानी भले ही नवाबों का शहर लखनऊ है, लेकिन प्रयागराज की राजनीतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और धार्मिक गरिमा शहरवासियों को दूसरी राजधानी होने का एहसास कराती है। इससे वह गौरव की अनुभूति करते हैं। मंगलवार को कुंभनगरी में कैबिनेट की आयोजित बैठक को विशिष्टजनों ने कई नजरिए से अहम माना।

prime article banner

संगमनगरी 1920 तक रही राजधानी

प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) 1920 तक संयुक्त प्रांत की राजधानी रही, लेकिन अंग्रेजी हुकूमत ने यहां से राजधानी को लखनऊ शिफ्ट कर दिया। सचिवालय  चला गया, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट, पुलिस मुख्यालय, राजस्व परिषद जैसे कई अहम विभाग यहीं हैं।

बोले विशिष्टजन

स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का केंद्र रहा स्वराज भवन कांग्रेस का ऑल इंडिया कार्यालय रहा है। प्रयागराज में सीडीए पेंशन, एजी ऑफिस जैसे कई केंद्रीय कार्यालय हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय, डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त एमएनएनआइटी, इलाहाबाद राज्य विवि, डीम्ड यूनिवर्सिटी समेत पांच विवि हैं। यह गौरव की बात है।

- नरेंद्र देव पांडेय, वरिष्ठ भाजपा नेता

प्रयागराज का राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है। इसी शहर से पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वीपी सिंह प्रधानमंत्री हुए। हेमवती नंदन बहुगुणा मुख्यमंत्री हुए। आजादी की लड़ाई का केंद्र बिंदु स्वराज भवन भी यहीं है। कई मामलों में राजधानी से बड़ा महत्व यहां का है।

- केके श्रीवास्तव, पूर्व महानगर अध्यक्ष सपा

सरकार जनता के द्वार तक पहुंच रही है, यह अच्छी बात है। प्रयागराज गौरवशाली शहर है, इसलिए कैबिनेट की बैठक का स्वागत है, लेकिन पिछड़े जिलों में भी बैठकें होनी चाहिए। सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना चाहिए। आउटसोर्सिंग और ठेके प्रथा को खत्म करके विभागों में नियमित भर्ती करना चाहिए। 

- नरसिंह, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ

प्रयागराज हमेशा से धार्मिक और अध्ययन का बड़ा केंद्र रहा है। आजादी की लड़ाई से लेकर देश के विकास तक इस शहर ने हमेशा अपना अहम योगदान दिया है। अंग्रेजों ने भी इसे अपनी राजधानी बनाया था। प्रदेश सरकार ने प्रयागराज को उचित महत्व दिया है। यह पूरे शहर के लिए गौरव का विषय है।

- सुबोध सिंह, भाजपा नेता

सरकार के फैसले की भाजपाइयों ने की तारीफ

भाजपा पदाधिकारियों की बैठक महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्ता की अध्यक्षता में  हुई। उन्होंने कहा कि प्रयागराज जैसी आध्यात्मिक नगरी में योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक कर स्वर्णिम इतिहास रचा। सभी पदाधिकारी और प्रयागराजवासी सरकार की तारीफ करते हुए पूरे कैबिनेट के प्रति आभार जताया। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रयागराज से मेरठ तक 600 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा पर खुशी जताई गई। बैठक में कुंज बिहारी मिश्र, श्याम चंद, रवि केसरवानी, गिरि बाबा, संजय गुप्ता, प्रमोद जायसवाल, शिवेंद्र मिश्रा, राजू पाठक, प्रवक्ता पवन श्रीवास्तव, राजेश निषाद, रीता शुक्ला आदि शामिल रहीं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.