गंगा-यमुना नदियों के बाढ़ से मझदार में फंसी हजारों जिंदगी, कर रही बंदगी Prayagraj News
वह ईश्वर से मना रहे हैं कि अब बाढ़ का पानी और न बढ़े यहीं पर रुक जाए। क्योंकि गंगा-यमुना नदियों का जलस्तर बढऩे पर निचले इलाकों में घरों की पहली मंजिल तक पानी पहुंच चुका है।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा-यमुना का रौद्र रूप देख लोग दहशत में है। निचले इलाकों के घरों की पहली मंजिल पर डेरा जमाए लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। पानी पहली मंजिल की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जिनके घर एक मंजिल के ही हैं, उनकी दिक्क्त बढ़ गई है। लोग भगवान से बस यही दुआ कर रहे हैं कि बाढ़ यहीं थम जाए, आगे न बढ़े। अगर पानी पहली मंजिल पर आ गया तो फिर उनका यह ठिकाना भी उनके हाथ से छिन जाएगा। हालांकि नदियों का रुख देख काफी लोग राहत शिविरों में चले गए हैं।
...उन्हें घर छोडऩे पर चोरी का सता रहा डर
शिवकुटी चिल्ला, कैलाशपुरी, भुलई का पूरा, सलोरी, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा समेत कई मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं। चिल्ला निवासी कल्लू ने बताया कि रविवार को ही घर में घुटने तक पानी आ गया था। घरवालों को रिश्तेदार के यहां पहुंचा दिया है लेकिन खुद घर की पहली मंजिल पर रुके हुए हैं। घर छोडऩे पर चोरी का डर सता रहा है। सलोरी में अमिताभ बच्चन पुलिया नाले से भुलई का पुरवा और सलोरी के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है।
कमरे में पानी, परीक्षा सिर पर
शहर के सलोरी इलाके में बड़ी संख्या में छात्र रहते हैं। सैकड़ों छात्र यहां किराए के कमरे में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रहे हैं। बाढ़ का पानी उनके कमरों में घुस गया है। ऐसे में उनकी तैयारी नहीं हो पा रही है। उन्हें भी छत पर डेरा जमाना पड़ा है। काफी छात्र गांव वापस चले गए हैं। जौनपुर के रहने वाले प्रतियोगी छात्र अमित कुमार भुलई का पुरवा में किराए पर रहते हैं। बताया कि रविवार शाम से ही उनके कमरे में पानी भर गया है। सामान पहली मंजिल पर एक साथी के कमरे में रखा है। अगले महीने परीक्षा है। ऐसे में उनकी परीक्षा की तैयारी नहीं हो पा रही है।
बिजली भी काट दी गई है
सादियाबाद निवासी राकेश कुमार ने बताया कि उनके घर रविवार तक पानी नहीं आया था लेकिन सोमवार सुबह ही उनके घर में पानी घुस गया। कमरे में घुटने तक पानी भर गया है। बिजली भी काट दी गई है। घरवालों को राहत शिविर में भेज दिया है। सामान छत पर रखा हुआ है। ऐसे में घर छोड़कर नहीं जा सकते हैं। बघाड़ा में सैकड़ों घर जलमग्न हैं। ज्यादातर लोग राहत शिविर में चले गए हैं। कैलाश अकेले घर में मौजूद हैं। कहते हैं कि सारा सामान छत पर है जिसे छोड़कर नहीं जा सकता।