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रोग और शोक से मुक्ति के लिए आंवला के पेड़ के नीचे किया भोजन, बच्चोंं नेे मना ली पिकनिक

सोमवार को आजाद पार्क मिंटो पार्क महर्षि भारद्वाज पार्क में खासी चहल-पहल रही। लोग पूरे परिवार के साथ आंवला के वृक्ष के नीचे पहुंचे। पति-पत्नी ने पूरब की ओर मुख करके हाथ में जल अक्षत पुष्प लेकर उसे आंवला की जड़ में अर्पित किया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 05:51 PM (IST)
रोग और शोक से मुक्ति के लिए आंवला के पेड़ के नीचे किया भोजन, बच्चोंं नेे मना ली पिकनिक
अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिए सनातन धर्मावलंबियों ने सुबह संगम के पावन जल में डुबकी लगाई।

प्रयागराज, जेएनएन। कार्तिक शुक्लपक्ष की नवमी तिथि सोमवार को 'अक्षय नवमी का पर्व श्रद्धा से मनाया गया। अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिए सनातन धर्मावलंबियों ने सुबह संगम के पावन जल में डुबकी लगाई। स्नान के बाद सूर्यदेव को अघ्र्य देकर तीर्थपुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। पूजन के बाद कद्दू व द्रव्य (पैसा) दान देकर आशीष लिया। संगम तट पर स्नान-दान का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। इसके बाद आंवला के वृक्ष का पूजन किया।  पूजन करके रोग व शोक से मुक्ति की कामना की। साथ ही आंवला के वृक्ष के नीचे भोजन पका कर परिवार के साथ उसका सेवन किया। बच्चोंं नेे इस मौके पर पिकनिक का मजा भी लिया।

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 आंवला का वृक्ष निरोगता व समृद्धि का प्रदाता

अक्षय नवमी का महत्व अक्षय तृतीय के समान होता है। आंवला का वृक्ष निरोगता व समृद्धि का प्रदाता माना जाता है। उक्त तिथि पर भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी आंवला के वृक्ष में वास करते हैं। मान्यता है कि आंवला के वृक्ष का पूजन करने वालों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसी कारण सोमवार को आजाद पार्क, मिंटो पार्क, महर्षि भारद्वाज पार्क में खासी चहल-पहल रही। लोग पूरे परिवार के साथ आंवला के वृक्ष के नीचे पहुंचे। पति-पत्नी ने पूरब की ओर मुख करके हाथ में जल, अक्षत, पुष्प लेकर उसे आंवला की जड़ में अर्पित किया। फिर 'ऊं धात्र्यै नम: मंत्र का जप करते हुए वृक्ष की जड़ में दूध की धारा गिराते हुए पितरों का तर्पण किया। तना में कच्चा सूत लपेटकर 21, 51 अथवा 108 बार परिक्रमा किया। इसके बाद वृक्ष के नीचे भोजन पकाकर पूरे परिवार के साथ उसका सेवन किया। इस दौरान बच्चे और युवा खेल भी खेलते नजर आए। राजरूपपुर, सूबेदारगंज, शिवकुटी, खुशरोबाग, मुंडेरा, खुल्दाबाद समेत कई इलाकों में लोग परिवार और मित्रों के साथ आंवला के वृक्ष के नीचेे भोजन किया और पूजन कर भगवान से आशीर्वाद मांगा।     


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