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कोरोना के वार में कुत्तों से दुलार, पग की कीमत 20 हजार Prayagraj news

इस साल मार्च में कोरोना का संकट आया तो लोग घरों में कैद हो गए। खासकर बच्चों का घरों से निकलना बहुत कम हो रहा है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों के लिए पग पामेलियन आदि नस्ल के कुत्ते खरीद रहे हैं। यह घरों में परिवार की तरह रहते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 07:00 AM (IST)
कोरोना के वार में कुत्तों से दुलार, पग की कीमत 20 हजार Prayagraj news
मांग बढऩे के साथ ही कुत्तों के खाद्य पदार्थों का बाजार चमक गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना काल में विदेशी नस्ल के कुत्तों की मांग बढ़ गई है। आम दिनों में 10 से 12 हजार रुपये में मिलने वाला पग इस दौरान 20 से 22 हजार रुपये में मिल रहा है। ऐसे ही अन्य विदेशी नस्ल के कुत्तों का रेट दोगुना है। इनकी मांग बढऩे के साथ ही कुत्तों के खाद्य पदार्थों का बाजार चमक गया है।

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बच्चों के लिए बने रहे दोस्त

दरअसल पग, पामेलियन जैसे विदेशी नस्ल के कुत्तों की रखवाली नहीं बल्कि घरों में खिलौने की तरह इस्तेमाल होते हैं। इस साल मार्च में कोरोना का संकट आया तो लोग घरों में कैद हो गए। खासकर बच्चों का घरों से निकलना बहुत कम हो रहा है। इसलिए तमाम अभिभावक अपने बच्चों के लिए पग, पामेलियन आदि नस्ल के कुत्ते खरीद रहे हैं। यह घरों में परिवार की तरह रहते हैं और बच्चों का इनमें मन भी लगा रहता है। कोरोना काल में इनकी मांग बढ़ी तो रेट दोगुना तक हो गया। केवल यही नहीं, जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर नस्ल के कुत्ते 30 से 40 हजार रुपये में बिक रहे हैं। आम दिनों में इनकी कीमत अधिकतम 20 हजार रुपये तक होती थी।

15 हजार तक बिके डॉग

नगर निगम के पूर्व पशुधन अधिकारी डॉ. धीरज गोयल ने बताया कि कोरोना काल के शुरुआत से ही इसकी बहुत मांग है। अभी भी लोग मांग रहे हैं लेकिन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। चूंकि यहां पर ब्रीडिंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जो लोग पहले से पाले हुए हैं, उनके यहां जो बच्चे होते हैं उनकी बिक्री हो जाती है। उन्होंने बताया कि इस दौरान में करीब 10 से 15 हजार कुत्तों की बिक्री हुई है।

दिल्ली से ज्यादातर आवक

ज्यादातर विदेशी नस्ल के कुत्ते दिल्ली से लाए जा रहे हैं। चूंकि दिल्ली, गाजियाबाद, करनाल आदि में इन कुत्तों की ब्रीडिंग की व्यवस्था है। वहीं से अधिकतर बच्चे मंगवाए जाते हैं।

चमक गया कुत्तों के खाने का कारोबार

विदेशी कुत्तों की मांग बढ़ी तो उनके खाद्य पदार्थों की खूब बिक्री हो रही है। कोरोना काल में यह मिलता रहा। इसका भी रेट बढ़ गया है।


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