कोरोना के डर से कौशांबी में शव दफनाने से रोका, कोविड टेस्ट में निगेटिव होने पर करने दी अंत्येष्टि
पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे गौसपुर कटहुला निवासी रामराज (32) ने सोमवार को दम तोड़ा था। मां उजेरिया देवी व अन्य स्वजन अपने खेत में ही अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। गांव वाले यह कहते हुए इसके विरोध में उतर गए कि मौत कोरोना से हुई है
प्रयागराज, जेएनएन। अजीब माहौल है। कहीं तो कोरोना की वजह से लोगों में बहुत भय दिखता है और कहीं बचाव के प्रति गजब लापरवाही दिखती है। ताजी घटना है कौशांबी के पिपरी क्षेत्र के गौसपुर कटहुला गांव की जहां एक युवक की घर में मौत हो गई। स्वजन अंतिम संस्कार अपने खेत में करना चाहते थे, लेकिन कोरोना की आशंका जताते हुए गांव वालों ने भारी विरोध कर दिया। ऐसे में शव को दफन नहीं किया जा सका। इसके बाद परिवार के लोगों ने थाने में गुहार लगाई तो स्वास्थ्य विभाग ने जांच की। कोरोना संक्रमण का मामला नहीं मिलने पर खेत में शव दफनाने की अनुमति दे दी गई। क्षेत्राधिकारी के निर्देश पर अंत्येष्टि के दौरान थाना प्रभारी भी मौजूद रहे।
बीमार था और थम गई अंतिम सांस मगर गांव वाले घबरा गए
पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे गौसपुर कटहुला निवासी रामराज (32) ने सोमवार को दम तोड़ा था। मां उजेरिया देवी व अन्य स्वजन अपने खेत में ही अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। गांव वाले यह कहते हुए इसके विरोध में उतर गए कि मौत कोरोना से हुई है, इसलिए वह शव नहीं दफनाने देंगे। इस पर उजेरिया देवी ने सीओ श्यामकांत से फरियाद की। कहा कि यदि प्रशासन चाहे तो मौत की वजह की जांच करा ले। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच में पाया कि रामराज की मौत की वजह खसरा है। इसके बाद सीओ के निर्देश पर थाना प्रभारी गांव पहुंचे और उनकी मौजूदगी में शव दफनाया गया। अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर का कहना है कि जांच में कोविड की पुष्टि नहीं हुई। इसलिए शव दफनाने की इजाजत दे दी गई।