दो करोड़ अथवा इससे ज्यादा का सालाना टर्नओवर है तो यह बातें जरूर जानें
ऑडिट के बिना रिटर्न भरने पर व्यापारियों को जुर्माना देना पड़ेगा। दो करोड़ का सालाना टर्नओवर करने वाले कारोबारियों के लिए ऑडिट का प्रावधान है। सामान्य तरीके से रिटर्न दाखिल न करें।
प्रयागराज, जेएनएन। दो करोड़ अथवा इससे ज्यादा का सालाना टर्नओवर करने वाले कारोबारी सावधान हो जाएं। अगर वह अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल कर रहे हैं तो अपने लेखा-जोखा का चार्टर्ड एकाउंटेंट से ऑडिट कराए बगैर रिटर्न फाइल न करें। ऐसा करने पर उनका वार्षिक रिटर्न निरस्त हो जाएगा, साथ ही उन्हें भारी-भरकम जुर्माना अदा करना पड़ेगा।
आठ पेज के इस फार्म को 30 जून तक व्यापारियों को ऑनलाइन भरना होगा
दरअसल, वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) काउंसिल ने व्यापारियों का वर्ष 2017-18 का वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के लिए पहली बार जीएसटीआर-9 फार्म जारी किया है। आठ पेज के इस फार्म को 30 जून तक व्यापारियों को ऑनलाइन भरना है। इसमें व्यापारियों को न सिर्फ जीएसटी के टर्नओवर का ब्योरा बल्कि तीन महीने का वैट का भी विवरण भरना है। खास यह कि जिन व्यापारियों का सालाना टर्नओवर दो करोड़ अथवा इससे ज्यादा है, उन्हें वार्षिक रिटर्न 9-ए के साथ 9-सी भी भरना है। 9-सी में चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) द्वारा व्यापारी के लेखा-जोखा का ऑडिट रिपोर्ट भरना अनिवार्य है, क्योंकि जीएसटी अधिनियम में इसका प्रावधान है।
जानकारी के अभाव में व्यापारी सामान्य तरीके से दाखिल कर रहे वार्षिक रिटर्न
हालांकि ज्यादातर व्यापारियों को इसकी जानकारी न होने से वह सामान्य तरीके से वार्षिक रिटर्न दाखिल कर दे रहे हैं। इससे उनका रिटर्न खारिज हो जाएगा। आगे चलकर भारी-भरकर जुर्माना भी अदा करना पड़ेगा।
व्यापारी नेता ने कहा, फार्म के तमाम बिंदुओं को सीए भी नहीं समझ पा रहे
उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा और प्रदेश अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि फार्म के तमाम बिंदुओं को सीए भी नहीं समझ पा रहे हैं। कमिश्नर वाणिज्यकर ने भी इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को कोई निर्देश जारी नहीं किया, कि वह व्यापारियों को इसके बारे में प्रशिक्षित करते। वार्षिक रिटर्न दाखिल करने को अब करीब सवा महीने ही रह गए हैं, ऐसे में व्यापारियों की समस्याएं हल नहीं हो रही हैं।
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