पीसीएस 2016 के अभ्यर्थी बता रहे मॉब लिंचिंग में पुलिस ही निशाने पर क्यों?
मॉब लिंचिंग, पुलिस पर निशाना, गाजीपुर में कांस्टेबल की हत्या, प्रतापगढ़ में जेल वार्डर की हत्या जैसे सवाल पीसीएस 2016 के अभ्यर्थियों से साक्षात्कार के सामने आए।
प्रयागराज, जेएनएन। मॉब लिंचिंग (उन्मादी हिंसा) की बढ़ती घटनाओं में पुलिस ही निशाने पर क्यों है, मित्र पुलिस को जनता अपना शत्रु क्यों समझने लगी है, गाजीपुर में हेड कांस्टेबल की हत्या हुई, प्रतापगढ़ में जेल वार्डर की हत्या हो गई। इस पर आपका क्या नजरिया है। कुछ इन्हीं सवालों से बुधवार को उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) में पीसीएस 2016 के अभ्यर्थियों से साक्षात्कार का सिलसिला शुरू हुआ, जबकि अभ्यर्थियों के विषय और उनकी रुचि से संबंधित सवालों की बौछार कम हुई।
सियासी बयानबाजी को लेकर सवाल
यूपीपीएससी में जाड़े की छुट्टियों के चलते 22 दिसंबर के बाद साक्षात्कार बंद हो गए थे। इसका सिलसिला दो जनवरी को आगे बढ़ा। निर्धारित पांच बोर्ड के समक्ष कुल 80 अभ्यर्थी अपनी प्रशासनिक क्षमता को शब्दों, चेहरे के हावभाव तथा मानसिक दृढ़ता से प्रदर्शित करने पहुंचे। अभ्यर्थी इसकी तैयारी करके आए थे कि अब तक पूछे जा चुके सवालों में कुछ दोहराव होगा लेकिन, यूपीपीएससी के बोर्ड ने उन्हें ऐसा कोई मौका नहीं दिया। महिला अभ्यर्थियों से महिला सशक्तीकरण और स्वच्छता अभियान से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए तो पुरुष अभ्यर्थियों को पुलिस के पिटने और इस पर सियासी बयानबाजी को लेकर जवाब देना पड़ा। इसके अलावा गंगा सफाई, स्कूलों में पढ़ाई का स्तर, प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या और सबसे बड़ी खूबी को लेकर भी खूब प्रश्न हुए।
गेट के बाहर भी डटे रहे जिज्ञासु
यूपीपीएससी के गेट के बाहर सामानांतर इंटरव्यू का सिलसिला भी जारी है। बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के बाद बाहर आ रहे अभ्यर्थियों से भी पूछताछ हो रही है। जिन अभ्यर्थियों के इंटरव्यू की तारीख अभी शेष है उनमें यह जानने की ललक है कि बोर्ड किस-किस तरह के सवाल कर रहे हैं।