स्थानांतरित परिषदीय शिक्षकों के लिए अच्छी खबर, बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक ने जारी किया वेतन भुगतान का आदेश
वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने सभी वित्त एवं लेखाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अंतर जिला तबादले में कार्यभार ग्रहण करने वाले ऐसे शिक्षक जिनकी एलसीपी प्राप्त हो गई है का एनआइसी की ओर से जारी स्थानांतरण सूची से मिलान करके अर्ह अध्यापकों का वेतन भुगतान कराएं।
प्रयागराज, जेएनएन। मनचाहे जिले में तैनाती पाने वाले स्थानांतरित शिक्षकों का वेतन भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक ने सभी जिलों के वित्त एवं लेखाधिकारी को आदेश दिया है कि वे एलसीपी (अंतिम वेतन प्रमाणपत्र) का तबादला सूची से मिलान करके भुगतान कराएं। करीब तीन माह से स्थानांतरित शिक्षक वेतन मिलने की राह देख रहे थे।
कई जिलों में एलसीपी मिलने के बाद भी वेतन भुगतान नहीं
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने 29 जनवरी, 12 मार्च व छह अप्रैल को पत्र भेजकर बीएसए को आदेश दिया था कि अंतर जिला तबादला और पारस्परिक स्थानांतरण पाने वाले शिक्षकों का अंतिम वेतन प्रमाणपत्र व सेवा पुस्तिका 10 अप्रैल तक स्थानांतरित जिले को उपलब्ध करा दी जाए। लेकिन, बीएसए यह दोनों प्रमाणपत्र भेजने में आनाकानी कर रहे थे। बेसिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने छह व सात मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग में इसकी समीक्षा की इसमें बताया गया कि वित्त व लेखाधिकारी शिक्षकों की एलसीपी का सत्यापन करने के बाद ही वेतन भुगतान कराएंगे। कई जिलों में एलसीपी मिलने के बाद भी वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा था।
वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने सभी वित्त एवं लेखाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अंतर जिला तबादले में कार्यभार ग्रहण करने वाले ऐसे शिक्षक जिनकी एलसीपी प्राप्त हो गई है का एनआइसी की ओर से जारी स्थानांतरण सूची से मिलान करके अर्ह अध्यापकों का वेतन भुगतान कराएं। वित्त नियंत्रक ने वेतन भुगतान की सूचना शिक्षा निदेशक बेसिक व परिषद मुख्यालय पर भेजने का निर्देश दिया है।
पोर्टल पर अपडेट करें शिक्षकों का विवरण
परिषद सचिव ने सभी बीएसए को फिर निर्देश दिया है कि वे स्थानांतरित शिक्षकों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट कराएं। इस संबंध में कई पत्र लिखे जा चुके हैं, किंतु अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई है। अधिकांश जिलों में अभी कार्यवाही लंबित है। उन्होंने फिर लिखा है कि ये विभागीय निर्देशों व शासनादेश की अवहेलना है।