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पौष पूर्णिमा : प्रयागराज में उमड़ा जनसैलाब, चार बजे तक 58 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

कुंभ के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सुबह चार बजे तक करीब 58 लाख लोगों ने स्नान के साथ पूजन किया। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि भीड़ बढ़ती ही जा रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 11:44 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 04:22 PM (IST)
पौष पूर्णिमा : प्रयागराज में उमड़ा जनसैलाब, चार बजे तक 58 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी
पौष पूर्णिमा : प्रयागराज में उमड़ा जनसैलाब, चार बजे तक 58 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

प्रयागराज, जेएनएन। संगमनगरी में कुंभ में आज पौष पूर्णिमा पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। संगम पर स्नान करने के लिए लोग कल रात से ही प्रयागराज में पहुंचे थे। आज तड़के ही पौष पूर्णिमा में लोगों ने डुबकी लगानी शुरू कर दी थी।

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पौष पूर्णिमा पर शाम चार बजे तक लगभग 58 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि स्नान अब भी हो रहा है। उम्मीद है कि शाम तक 60 लाख लोग त्रिवेणी स्नान करेंगे। कुंभ के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सोमवार दोपहर 12 बजे तक लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। आज दिन में 11 बजे तक 30 लाख लोगों ने पुण्य की डुबकी लगा ली थी। यहां पर कल रात से स्नानार्थी संगम पहुंच गए थे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच डुबकी लग रही है। इसके साथ ही आज से कल्पवास शुरू हो गया है। कल्पवासी स्नान कर दान कर पुण्य कमा रहे हैं। ठंड के बावजूद स्नानार्थी हर हर गंगे का जयघोष कर स्नान के लिए उमड़ पड़े हैं ।

कुंभ के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सुबह नौ बजे तक करीब 20 लाख लोगों ने स्नान के साथ पूजन किया। इसके बाद भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि भीड़ बढ़ती ही जा रही है। उम्मीद है कि शाम तक यहां पर 60 लाख लोग त्रिवेणी तट पर स्नान करेंगे।

पौष पूर्णिमा पर गंगा, यमुना, अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए कल शाम देश के कोने-कोने से आस्थावानों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। वाहनों पर गृहस्थी के सामान के साथ तुलसी के पौधे, कांसा लेकर बड़ी तादाद में कल्पवासी और श्रद्धालु कुंभनगर के शिविरों में पहुंचे। आधी रात संगम के घाटों पर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं का जमावड़ा हो गया। शाम तक लाखों की तादाद में तीर्थयात्री संगम क्षेत्र में पहुंच गए। यहां फाफामऊ से अरैल के बीच संगम के 35 घाटों पर कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच संगम स्नान होगा। इस बार पूर्णिमा पर 55-60 लाख श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है।

संगम की रेती पर 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जगह-जगह यज्ञ, जप, ध्यान और वेद मंत्रों के साथ हवन, पूजन का सिलसिला तेज हो गया है। कुंभ मेला क्षेत्र से चार किमी पहले वाहनों को रोके जाने की वजह से मीलों पैदल चलकर श्रद्धालुओं को संगम तट पर पहुंचना पड़ रहा है।

रविवार की सुबह से ही बसों, ट्रेनों, निजी वाहनों से कल्पवासियों का रेला चलने लगा। सिर पर गठरी, कंधे पर झोला लिए लोग संगम जाने वाले मार्गों की ओर बढऩे लगे। कल्पवासियों के शिविरों में चहल-पहल बढ़ गई।

आज से पौष पूर्णिमा स्नान शुरू हो गया है। यहां लोग अपने देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आए श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। आज संगम तट पर 35 देश के नागरिकों ने हर-हर गंगे के जयकारें के साथ पुण्य की डुबकी लगाई। पौष पूर्णिमा का स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने काफी तैयारियां की हैं। सबसे खास बात आज संगम पर यह रही जब 35 देशों के नागरिक गाजे-बाजे और जयकारे लगाते हुए घाट पर पहुंचे।

विदेशी श्रद्धालुओं को ऐसे देखकर अपने लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि ये लोग भारतीय संस्कृति को कितनी अच्छी तरह से पालन कर रहे हैं। इन्हें देखने के लिए लोगोंं की भीड़ इकट्ठा हो गई। संगम में अभी 35 देश के नागरिकों ने भगवान के जयकारों के साथ संगम में डुबकी लगाई। जिसमें जापान,अमेरिका, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका न्यूजीलैंड, शिकागो, ऑस्ट्रेलिया के नागरिको ने नारे लगाते हुए संगम में डुबकी लगाई। सुरक्षा को देखते हुए जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किया गया है।

स्नान, दान और जप-तप की पौष पूर्णिमा का व्रत-पूजन रविवार से शुरू हो चुका है, जबकि स्नान-दान करना पुण्यकारी है। इसी दिन से संगम में स्नान करने के साथ यहां पर त्याग-तपस्या का प्रतीक कल्पवास भी शुरू हो गया है। तीसरा शाही स्नाना मौनी अमावस्या 4 फरवरी 2019 को होगा।  


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