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Ayushman Bharat योजना में खेल : आइसीयू में मरीज की फोटो खींची, जनरल वार्ड में भर्ती किया Prayagraj News

आयुष्‍मान भारत योजना में निजी अस्‍पताल में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने तीन दिन जांच की। व्यापक गड़बड़ी मिली।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 09:34 AM (IST)
Ayushman Bharat योजना में खेल : आइसीयू में मरीज की फोटो खींची, जनरल वार्ड में भर्ती किया Prayagraj News
Ayushman Bharat योजना में खेल : आइसीयू में मरीज की फोटो खींची, जनरल वार्ड में भर्ती किया Prayagraj News

प्रयागराज, [मनीष मिश्र]। पीएम नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) का लाभ पात्रों को मिले या न मिले लेकिन कुछ निजी अस्पताल 'आयुष्मान' अवश्य हो रहे हैं। जी हां, गरीब परिवारों की सेहत सुधारने वाली योजना के तहत इलाज में बड़ा खेल किया जा रहा है। कुछ ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जिसमें ऑपरेशन नहीं किया लेकिन पैकेज के तहत रुपये ले लिए। कुछ ऐसे मामले भी उजागर हुए हैं, जिनमें मरीज को आइसीयू में ले जाकर फोटो खींची और फिर जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया गया।

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जिन अस्पतालों में गड़बड़ी मिली, निलंबन की गाज गिरेगी

भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने तीन दिन जांच की। इस दौरान व्यापक गड़बड़ी पाई गई। इन अस्पतालों के निलंबन को पत्र लिखने की बात कही गई है।

यहां से बनवाएं गोल्डेन कार्ड

गोल्डेन कार्ड के नाम पर खूब फर्जीवाड़ा हुआ। जो पात्र हैं वह सूचीबद्ध अस्पताल, सहज जनसेवा केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से कार्ड बनवा सकते हैं।

खास बिंदु

28 सरकारी अस्पताल हैं शामिल

157 प्राइवेट अस्पताल योजना में शामिल

13641 लाभार्थियों का हुआ इलाज

221012 गोल्डेन बनाए गए

43925 शहरी क्षेत्र के लाभार्थी

229649 ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थी

273574 कुल लाभार्थी।

टोल फ्री नंबर 14555 पर कॉल कर प्राप्त करें विस्तृत जानकारी

योजना से जुड़ी जानकारी के लिए 14555 पर कॉल करेंं। यदि यह जानना चाह रहे हैं कि आप लाभार्थी हैं या नहीं तो भी यह टोल फ्री नंबर आपकी मदद करेगा।

बोले आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी

आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. राहुल सिंह कहते हैं कि भ्रष्टाचार की शिकायत केंद्र सरकार से की थी। इसी आधार पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य अथॉरिटी की टीम ने अस्पतालों का निरीक्षण किया और कई जगह खामियां भी मिलीं।


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