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Lockdown-3 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं में सहायता करने जोश ठंडा पड़ा Prayagraj News

अब तो सोशल मीडिया पर केवल सत्ताधारी दल के छात्र संगठन ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। हर रोज वेबिनार के जरिए ओहदे वालों से ज्ञान की गंगा बहवाई जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 02:11 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 02:11 PM (IST)
Lockdown-3 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं में सहायता करने जोश ठंडा पड़ा Prayagraj News
Lockdown-3 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं में सहायता करने जोश ठंडा पड़ा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है। लॉकडाउन के पहले चरण में तमाम छात्र संगठन गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद के नाम पर मैदान में उतरे। सोशल मीडिया पर भी राशन सामग्री का पैकेट बनाते, फिर बांटने तक की जानकारी अपडेट करते रहे। वहीं लॉकडाउन के दूसरे चरण में यह सिलसिला हल्का थमा लेकिन तीसरे चरण में तो पूरा जोश ही ठंडा नजर आ रहा है।

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युवा नेता ऐसे समय में लोगों का बना मददगार

अब तो सोशल मीडिया पर केवल सत्ताधारी दल के छात्र संगठन ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। हर रोज वेबिनार के जरिए ओहदे वालों से ज्ञान की गंगा बहवाई जा रही है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तमाम शिक्षक और छात्रनेता भी इसमें गूढ़ रहस्य बता रहे हैं। शिक्षक भी सत्ताधारी दल का छात्र संगठन होने के चलते इसी तरफ झुकाव बढ़ा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इनका क्रेज बढ़ता देख अब तो दूसरे छात्र संगठन भी इसमें शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। इन सबके बीच विपक्षी छात्र संगठन का एक युवा नेता मददगार बनकर मोहल्लों में हर रोज राशन वितरण करने में जुटा है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आया कश्मीरी वायरस

चीन से कोरोना वायरस आया..., यह अब कोई नई बात नहीं रह गई है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में तो कश्मीर से अनोखा वायरस आ गया है। यह वायरस कुर्सी से एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों को संक्रमित कर गया। वायरस की खासियत यह है कि संक्रमित को कश्मीर हित में फैसला लेना पड़ेगा। तभी तो काउंसिल में एक ऐसा प्रस्ताव रखा गया, जिसे बिना किसी विरोध के मंजूरी भी मिल गई। वह भी ऐसा प्रस्ताव जो आवश्यक नहीं था।

लेकिन सीटों के आरक्षण में कोटा बढ़ा दिया गया

कश्मीर से यहां कोई विद्यार्थी प्रवेश लेने नहीं आता लेकिन सीटों के आरक्षण में कोटा बढ़ा दिया गया। प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा में भी राहत दे दी गई। फिलहाल कश्मीरी वायरस पर कोरोना हावी है। यही वजह है कि सब कुछ थम जैसा गया है। जैसे ही कोरोना नरम होगा कश्मीरी वायरस गरम होगा। इस वायरस का अगला निशाना कार्य परिषद के सदस्यों को संक्रमित करना है। भाई... अंतिम मुहर जो लगवानी है अभी।


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