प्रयागराज-लखनऊ और प्रयागराज-जौनपुर रूट की ट्रेनें नहीं चल रही हैं, यात्रियों की ढीली हो रही जेब
कोरोना के चलते देश भर में मार्च से लॉकडाउन किया गया। तभी ट्रेनों का संचालन प्रभावित है। तभी से प्रयागराज से चारों दिशाओं में यानि लखनऊ कानपुर जौनपुर प्रतापगढ़ फैजाबाद चुनार मीरजापुर इटारसी चित्रकूट आदि मार्ग पर चलने वाली लोकल ट्रेनों पूरी तरह से ठप हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते महीनों से लोकल ट्रेनों का संचालन नहीं हो रहा है। इससे दैनिक यात्रियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। लोकल ट्रेनें न चलने से यात्रियों को बसों से सफर करना पड़ रहा है, जो कि महंगा है। ऐसे में यात्रियों ने रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर प्रयागराज-लखनऊ और प्रयागराज-जौनपुर रूट की ट्रेनें चलवाने की मांग की है।
कोरोना के चलते देश भर में मार्च से लॉकडाउन किया गया। तभी ट्रेनों का संचालन प्रभावित है। तभी से प्रयागराज से चारों दिशाओं में यानि लखनऊ, कानपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, फैजाबाद, चुनार, मीरजापुर, इटारसी, चित्रकूट आदि मार्ग पर चलने वाली लोकल ट्रेनों पूरी तरह से ठप हैं। इन ट्रेनों पर दैनिक यात्रियों का आवागमन होता था। आसपास के जिलों से प्रयागराज आपने काम के सिलसिले में लोग इन्हीं ट्रेनों के जरिए आते हैं। ट्रेनों का किराया कम था, इसलिए अनेकां यात्री रोजाना आते-जाते रहे।
अब ट्रेनों का संचालन इन रूटों पर बंद होने से वह बसों या निजी वाहन का किराया नहीं भर पा रहे हैं। एक तो कोरोना काल में लोगों का रोजगार छिना, उस पर ट्रेनें बंद होने से लोगों पर और संकट गहरा गया। छोटे काम, धंधे करने वाले ग्रामीण अब परेशान हैं। उनको शहर तक आने के लिए किराए के रूप में मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है। इन समस्याओं को देखते हुए लोगों ने रेल मंत्रालय से अविलंब ट्रेनों को चलाने को कहा है। दैनिक यात्रियों का कहना है कि प्रयागराज-लखनऊ और प्रयागराज-जौनपुर रूट पर ट्रेनों के न चलने से यात्रियों को बसों से सफर करना पड़ रहा है। ऐसे मेें त्योहार पर उनकी जेब ढीली हो रही है। साथ ही समय भी ज्यादा लग रहा है।
दीपावली पर रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों में लोगों की खासी भीड़ दिखती है। इस बार अधिकतर ट्रेनों के संचालन न होने से लोग बस स्टेशनों की ओर रुख किए हैं। एक ओर जहां प्रयागघाट, प्रयाग जंक्शन रेलवे स्टेशनों पर लोगों की भीड़ न के बराबर दिखाई दी, वहीं बस स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं।