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कागज में झाडू लगा हर माह डेढ़ करोड़ ले रहे सफाई कर्मी!

जासं, कौशांबी : केंद्र सरकार की ओर से संचालित स्वच्छ भारत मिशन को गति देने के लिए जिला के अफसर समय-समय पर अभियान चलाकर झाडू लगाते हैं। लेकिन ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मियों की लापरवाही से गांवों में स्वच्छता अभियान दम तोड़ रहा है। प्रधानाध्यापकों व ग्रामीणों की मानें तो अधिकतर कर्मचारी गांव व स्कूलों को सफाई नहीं करते हैं। सांठगांठ कर माह में डेढ़ करोड़ से अधिक की धनराशि निकाल रहे हैं। इसकी शिकायत ग्रामीण ने डीपीआरओ समेत अन्य अधिकारियों से की। अब तक कार्रवाई नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:19 PM (IST)
कागज में झाडू लगा हर माह डेढ़ करोड़ ले रहे सफाई कर्मी!
कागज में झाडू लगा हर माह डेढ़ करोड़ ले रहे सफाई कर्मी!

जासं, कौशांबी : केंद्र सरकार की ओर से संचालित स्वच्छ भारत मिशन को गति देने के लिए जिला के अफसर समय-समय पर अभियान चलाकर झाडू लगाते हैं। लेकिन ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मियों की लापरवाही से गांवों में स्वच्छता अभियान दम तोड़ रहा है। प्रधानाध्यापकों व ग्रामीणों की मानें तो अधिकतर कर्मचारी गांव व स्कूलों को सफाई नहीं करते हैं। सांठगांठ कर माह में डेढ़ करोड़ से अधिक की धनराशि निकाल रहे हैं। इसकी शिकायत ग्रामीण ने डीपीआरओ समेत अन्य अधिकारियों से की। अब तक कार्रवाई नहीं हुई।

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जिले की ग्राम पंचायतों व स्कूलों को साफ-सुथरा रखने के लिए पंचायतीराज विभाग की ओर 840 सफाई कर्मी तैनात हैं। करीब 100 कर्मी अवैध तरीके से सरकारी कार्यालयों में काम कर रहे हैं। नालियां चोक होने से सिराथू की ग्राम पंचायत नारा, रूपनारायणपुर गोरियों, मानपुरगौरा, जुबरा, कैनी, मूरतगंज की ग्राम पंचायत उमरछा, चकताजपुर, सैयदसरावां, जलालपुर बोरियों, मूरतगंज, मंझनपुर की ग्राम पंचायत ओसा, टिकरी, गौरा, कुम्हिावा आदि गांवों में गंदगी है। सरसवां की ग्राम पंचायत बैरमपुर, अलवारा, कोल्हा, रानीपुर, रायपुर, कटरी, कौशांबी क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोपसहसा, भखंदा, जुगराजपुर, पहड़िया, कपूरीपुर, नरेंद्र बारा आदि ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इन गांवों के लोग सचिव व एडीओ पंचायत से अकसर शिकायत करते हैं। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। प्रधानाध्यापक से प्रमाणित बगैर निकाल रहा वेतन

जिले की ग्राम पंचायतों व स्कूलों में गंदगी से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों ने पूर्व में तत्कालीन डीएम एपी ¨सह से शिकायत की थी। डीएम ने डीपीआरओ को स्पष्ट निर्देश दिया था कि प्रधानाध्यापकों की संस्तुति के बगैर सफाई कर्मियों को वेतन न दिया जाए। लेकिन पिछले कई महीनों से प्रधानाध्यापक से प्रमाणित कराए बगैर वेतन निकाल रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो वेतन निकालने में सचिव, प्रधान व एडीओ पंचायत की भूमिका संदिग्ध है। ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मी स्कूलों व गांव की सफाई किए बगैर वेतन निकाल रहे हैं तो गंभीर स्थिति है। लापरवाहों पर कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को निर्देश दिया जाएगा। प्रधानाध्यापक से बगैर प्रमाणित कराए वेतन क्यों निकाला जा रहा है। इस संबंध में डीपीआरओ गोपाल जी ओझा से जवाब मांगा जाएगा।

मनीष कुमार वर्मा, डीएम।


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