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राहत की खबर, हवा के रुख ने फिर टिड्डी दल को पश्चिम की ओर लौटाया Prayagraj News

टिड्डी दल पांच किमी चौड़ा और 12 किमी लंबा है। दल लौटा तो यमुनापार का इलाका प्रभावित हो सकता है। फिलहाल अलर्ट जारी कर दिया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:31 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 09:51 AM (IST)
राहत की खबर, हवा के रुख ने फिर टिड्डी दल को पश्चिम की ओर लौटाया Prayagraj News
राहत की खबर, हवा के रुख ने फिर टिड्डी दल को पश्चिम की ओर लौटाया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। टिड्डी दल से घबराए किसानों के लिए फिलहाल राहत वाली खबर है। वह यह कि टिड्डी के सबसे बड़े दल को तीन टुकड़ों में तोड़ दिया गया है। इसका एक दल झांसी से विंध्य पर्वत श्रेणीमाला से होते हुए बुधवार रात सोनभद्र और मीरजापुर तक पहुंच गया था मगर हवा का रुख बदल जाने से ये दल फिर पश्चिम की और लौट गया।

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पांच किमी चौड़ा और 12 किमी लंबा था टिड्डी दल

राजस्थान, पंजाब के रास्ते कई टिड्डी दल आए थे। झांसी क्षेत्र में सबसे बड़े टिड्डी दल ने फसलों पर हमला बोला था। यह दल लगभग पांच किमी चौड़ा और 12 किमी लंबा था। इसे तीन टुकड़ों में तोडऩे में दो दिन पहले ही कामयाबी मिली थी। दो दल तो मध्य प्रदेश के जंगलों की ओर चले गए थे जबकि एक दल मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के आसपास था। वही दल अचानक उड़ा और बुधवार रात विंध्य पर्वत श्रेणीमाला पकड़ते हुए मीरजापुर और सोनभद्र तक पहुंच गया था।

जिला कृषि अधिकारी बोले, मध्य प्रदेश की ओर लौट रहा

जिला कृषि अधिकारी डॉ.अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि यह दल मध्य प्रदेश की ओर लौट रहा है। हालांकि अभी जिले में अलर्ट जारी है। खासतौर पर यमुनापार के बारा और कोरांव इलाके के किसानों को ज्यादा सचेत रहने को कहा गया है। क्योंकि विंध्य पर्वत श्रेणीमाला की पहाडिय़ों से ये दोनों इलाके सटे हुए हैैं और यहां इस समय फसलें भी हैैं। किसानों को केमिकल के छिड़काव से लेकर तेज आवाज करने के लिए जागरूक भी कर दिया गया है।

किसान इस प्रकार कर सकते हैं बचाव

-अपने खेतों में आग जलाकर पटाखे फोड़ें और थाली, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें।

-कीटनाशक रसायनों जैसे क्लोरपीरिफॉस, साइपरमैथरीन, लिंडा आदि कीटनाशकों का टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव करें।

-यह टिड्डी दल शाम को छह से सात बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह आठ से नौ बजे के करीब उड़ान भरता है। अत: इसी अवधि में इनके ऊपर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके मारा जा सकता है।

झांसी, ललितपुर के आसपास दल ने जमाया था डेरा

पिछले दिनों जिस तेजी से टिड्डी का दल इधर आ रहा था, हवा के रुख बदलने से अपनी दिशा को बदल दिया था। झांसी, ललितपुर के आसपास दल के डेरा जमाया था। हालांकि फिर दल का रुख इधर की ओर हो गया था। 

टिड्डी दल में लाखों की संख्या में टिड्डी होते हैैं

टिड्डी दल में लाखों की संख्या में टिड्डी होते हैैं। दो से ढाई इंच लंबे कीट फसलों को कुछ ही घंटे में चट कर जाते हैैं। दल का आकार तीन से साढ़े तीन किमी का होता है। यानी जहां बैठता है तीन से पांच किमी की परिधि में फैल जाता है। ये सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं। जिला कृषि विभाग ने किसानों को टिड्डी दल से फसल को बचाने के लिए जागरूक भी किया है।


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