हवा के रुख से पाकिस्तानी टिड्डियों के दल ने बदली दिशा, किसानों को राहत के आसार Prayagraj News
फिलहाल जिले के किसानों के लिए यह राहत वाली खबर है। जिस तेजी से पाकिस्तानी टिड्डी का दल इधर आ रहा था हवा के रुख बदलने से अपनी दिशा को बदल दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। पाकिस्तानी टिड्डी दल की दिशा हवा के रुख के चलते बदल गई है। अब टिड्डियों का दल पश्चिम की ओर से बढ़ गया है। अभी ललितपुर, यमुना के कछारी इलाकों और मध्य प्रदेश के पन्ना स्थित टाइगर रिजर्व, नरेह फॉल व इसके आसपास के जंगलों तथा केन नदी के इर्द-गिर्द डेरा जमाए हैैं।
झांसी, ललितपुर के आसपास दल ने डेरा जमाया
फिलहाल, जिले के किसानों के लिए यह राहत वाली खबर है। जिस तेजी से पाकिस्तानी टिड्डी का दल इधर आ रहा था, हवा के रुख बदलने से अपनी दिशा को बदल दिया है। झांसी, ललितपुर के आसपास दल के डेरा जमाने की सूचना कृषि विभाग को मिली है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि किसानों को टिड्डी दल से फसल को बचाने के लिए जागरूक कर दिया गया है। टिड्डियों के कई दल थे। एक दल पाकिस्तान से चलकर राजस्थान होते हुए मध्य प्रदेश की ओर से प्रयागराज की दिशा में था। दूसरा दल राजस्थान के जयपुर और दौसा होते हुए भरतपुर, करौली होते हुए आगरा की ओर बढ़ रहा था।
बोलीं, जिला उद्यान अधिकारी
जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि दल में करोड़ों की संख्या में टिड्डी होते हैैं। दो से ढाई इंच लंबे कीट फसलों को कुछ ही घंटे में चट कर जाते हैैं। दल का आकार तीन से साढ़े तीन किमी का होता है। यानी जहां बैठता है तीन से पांच किमी की परिधि में फैल जाता है। ये सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं।
ऐसे कर सकते हैैं बचाव के उपाय
-अपने खेतों में आग जलाकर पटाखे फोड़ें और थाली, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें।
-कीटनाशक रसायनों जैसे क्लोरपीरिफॉस, साइपरमैथरीन, लिंडा आदि कीटनाशकों का टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव करें।
-यह टिड्डी दल शाम को छह से सात बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह आठ से नौ बजे के करीब उड़ान भरता है। अत: इसी अवधि में इनके ऊपर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके मारा जा सकता है।