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गंगा किनारे 30 हजार पौधे लगाने संग पदयात्रा का समापन, 190 दिन में गंगा किनारे की 5,530 किलोमीटर की यात्रा

अतुल्य गंगा ट्रस्ट के संस्थापक गोपाल शर्मा रिटायर कर्नल मनोज केश्वर रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी ने बताया कि 5530 किलोमीटर की यात्रा में गंगा किनारे 30 हजार पौधे लगाए गए। इन पौधों की निगरानी भी की जा रही है।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:53 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:53 PM (IST)
गंगा किनारे 30 हजार पौधे लगाने संग पदयात्रा का समापन, 190 दिन में गंगा किनारे की 5,530 किलोमीटर की यात्रा
पदयात्रा पूरी करने वाले रोहित जाट और शगुन त्यागी को कमिश्नर संजय गोयल और आइजी केपी सिंह ने सम्मानित किया।

प्रयागराज,जेएनएन। गंगा को निर्मल बनाने के लिए लोगों की जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रयागराज से 16 दिसंबर 2020 को शुरू हुई मुंडमाल यात्रा का बुधवार को समापन हो गया। इस यात्रा की शुरुआत अतुल्य गंगा ट्रस्ट की ओर से हुई थी। इसके समापन अवसर पर पदयात्रा के दौरान गंगा का आंखों देखा हाल वीडियो और फोटो के जरिए दिखाया गया।

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अतुल्य गंगा ट्रस्ट के संस्थापक गोपाल शर्मा, रिटायर कर्नल मनोज केश्वर, रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी ने बताया कि 5,530 किलोमीटर की यात्रा में गंगा किनारे 30 हजार पौधे लगाए गए। इन पौधों की निगरानी भी की जा रही है। बताया कि उनकी टीम ने गंगा जल का सैंपल जांच के लिए आइआइटी कानपुर और दिल्ली को भी भेजा है। बताया कि गंगा जल के 224 सैंपल मौके पर ही जांचे गए। अधिकांश बार गंगा जल प्रदूषित होने पर आसपास के लोगों को गंगा की सफाई के लिए प्रेरित किया। यात्रा की शुरुआत में छह लोग थे। लेकिन बीमारी या कुछ अन्य कारणों से चार यात्री अगल हो गए और दो यात्रियों ने पदयात्रा पूरी की।

पदयात्रा पूरी करने वाले रोहित जाट और शगुन त्यागी को कमिश्नर संजय गोयल और आइजी कविंद्र प्रताप सिंह ने सम्मानित किया। कमिश्नर ने कहा कि गंगा हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान है। यह अमूल्य धरोहर भी है। इस पदयात्रा से देश में गंगा सहित सभी नदियों के लिए व पर्यावरण संरक्षण के साथ ही सहभागिता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह काम आसान नहीं था। गंगा को निर्मल बनाने के लिए इसके किनारे के गांवों के युवाओं को अभियान से जोडऩे की जरूरत है। पदयात्रा के दौरान पौधारोपण करने के लिए कालेश्वर मिश्रा और नितीन रंजन को भी सम्मानित किया गया।

गंगा में 639 स्थलों पर बहाया जा रहा प्रदूषित पानी

पदयात्रियों ने बताया कि शहरों से प्रदूषित पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंगोत्री से गंगा सागर तक 639 स्थानों पर प्रदूषित पानी गंगा में बहाया जा रहा है। इसकी उन्होंने जियो टैगिंग की और वीडियो भी बनाया है। यह सब शहरों में ही है। खासकर यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में नालों से प्रदूषित पानी छोड़ा जा रहा है। अगर यह पानी शोधित करके छोड़ा जाए तो गंगा में गंदगी कम हो सकती है। उन्होंने बताया कि गंगा को निर्मल करने के लिए सरकारों को और काम करने की जरूरत है। हर हाल में गंगा में गिरने वाले नालों की टैपिंग करनी होगी।


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