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पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा-अभागे हैं वे जो हिंदी नहीं समझते Prayagraj News

ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में लोकभाषा और हिंदी विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। इसमें पद्मश्री व लोक गायिका मालिनी अवस्‍थी ने हिंदी का बखान किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 08:41 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 08:41 AM (IST)
पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा-अभागे हैं वे जो हिंदी नहीं समझते  Prayagraj News
पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा-अभागे हैं वे जो हिंदी नहीं समझते Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयाग व काशी की धरती हिंदी जगत को जिंदा रखती है। इसमें महादेवी, पंत व निराला जैसे विद्वानों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। वह लोग अभागे हैैं, जो हिंदी नहीं समझते हैैं। यह कहना है लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी का।

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कहा, कुछ लोगों को अपनी हिंदी भाषा बोलने में शर्मिंदगी महसूस होती है

ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में 'लोकभाषा और हिंदी' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि लोक गायिका मालिनी अवस्थी थीं। उन्होंने कहा कि जिन्हें ठीक से अंग्रेजी नहीं आती, वह भी टूटी-फूटी अंग्रेजी ही बोलते हैं। कुछ लोगों को अपनी हिंदी भाषा बोलने में शर्मिंदगी महसूस होती है। आज हिंदी से दूरी होने के लिए कहीं न कहीं हम सब जिम्मेदार हैं। हिंदी बोलना और लिखना हीनता समझी जाती है, जबकि हिंदी हमारी वैज्ञानिक भाषा है। यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंदी के आधा अक्षर लिखने के लिए भी एक पूरे अक्षर का सहयोग लिया जाता है।

लोक गायिका ने हिंदी का किया बखान

हिंदी का बखान करते हुए मालिनी अवस्थी ने कहा कि हिंदी से उदार और लचीली भाषा कोई हो नहीं सकती। हिंदी फिल्म के गीतों को धन्यवाद देना चाहिए कि जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक अपनी सांगीतिक भाषा के जरिए सभी को बांधे रखा है। सोशल मीडिया का उदाहरण देते हुए कहा कि इस प्लेटफार्म पर हिंदी लिखने और पढऩे वालों की संख्या बढ़ी है।

हिंदी भाषा के तमाम शब्द विलुप्त होते जा रहे : आरके श्रीवास्तव

अध्यक्षता कर रहे कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष आरके श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी भाषा के तमाम शब्द विलुप्त होते जा रहे हैं, हमें इसे मरने से बचाना होगा। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने में सहयोग करना होगा। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने सभी के प्रति आभार जताया। संचालन गायत्री सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आलोक मिश्र ने किया। इस मौके पर डॉ. आनंद सिंह, डॉ. सुमन अग्रवाल, डॉ. मनोज दुबे, डॉ. श्रुति, डॉ. विवेक राय आदि रहे।


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