हंडिया के क्रय केंद्रों पर नहीं आई धान खरीद में तेजी
धान खरीद शुरू हुए 19 दिन बीतने के बाद भी क्रय केंद्रों पर उम्मीद के मुताबिक खरीद नहीं हो रही है। किसान धीमी गति की वजह शुरुआती दौर में ज्यादातर केंद्रों का न खुलना व प्रचार प्रसार का अभाव मान रहे हैं। कई को यही नहीं पता है कि उनके क्षेत्र में क्रय केंद्र कहां हैं? भीटी पकरी अतरौरा क्रय केंद्रों में अब तक करीब 4731 कुंतल धान की खरीद की जा सकी है।
जागरण संवाददाता, हंडिया (प्रयागराज) : धान खरीद शुरू हुए 19 दिन बीतने के बाद भी क्रय केंद्रों पर उम्मीद के मुताबिक खरीद नहीं हो रही है। किसान धीमी गति की वजह शुरुआती दौर में ज्यादातर केंद्रों का न खुलना व प्रचार प्रसार का अभाव मान रहे हैं। कई को यही नहीं पता है कि उनके क्षेत्र में क्रय केंद्र कहां हैं? भीटी, पकरी, अतरौरा क्रय केंद्रों में अब तक करीब 4731 कुंतल धान की खरीद की जा सकी है।
हंडिया तहसील क्षेत्र में नौ सरकारी समेत 13 केंद्र खोले गए हैं। क्षेत्र के हंडिया, प्रतापपुर, सैदाबाद व धनूपुर में यूपी एग्रो, नैफेड, भारतीय खाद्य निगम, पीसीएफ के केंद्रों पर धान की खरीद की जानी है। किसानों की मानें तो ज्यादातर केंद्रों पर किसानों के बैठने, पीने के पानी आदि की व्यवस्था नहीं की गई है। भीटी में क्रय केंद्र प्रभारी शिवानंद ने बताया कि अब तक 19 किसानों ने 1101.60 कुंतल, पकरी में केंद्र प्रभारी राजनारायण कुशवाहा ने बताया कि 37 किसानों ने 2071 कुंतल, अतरौरा में केंद्र प्रभारी रामचंद्र ने बताया कि 13 किसानों ने 1559.8 कुंतल धान खरीदा गया है। जिले में बनाएं गए हैं 140 क्रय केंद्र
प्रदेश सरकार ने धान क्रय का समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। सरकारी जिले में 140 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। लक्ष्य दो लाख मीट्रिक टन है। 28 फरवरी तक खरीद होगी।
किसानों से बातचीत
कई बार क्रय केंद्र पर पहुंचे। लेकिन, प्रभारी नहीं मिले। उन्हें कई बार फोन किया गया। संपर्क नहीं हुआ। इससे परेशान होकर अंत में 10-12 रुपये प्रति किलो के हिसाब से व्यापारी को धान बेचा।
- माता पाल
धान खरीद केंद्र पर व्यवस्था ठीक नहीं है और न ही खरीद के बारे में बताया जाता है। परेशान होकर व्यापारी से संपर्क किया। 12.25 प्रति किलोग्राम के अनुसार धान बेचने की बात तय की गई है।
- ओम प्रकाश
धान खरीद के लिए कर्मचारी लगाए गए हैं। जहां भी अव्यवस्था की शिकायत मिलेगी। तत्काल निस्तारण कराया जाएगा।
- विपिन कुमार, डिप्टी आरएमओ।