Paddy Purchase Center: प्रतापगढ़ की दागी समितियों को क्रय केंद्र बनाने वाले अफसरों के खिलाफ जांच शुरू
जिले भर में 15 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू है। इसमें पीसीएफ व खाद्य विभाग के कुल 34 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। केंद्र कम होने से सात और नए क्रय केंद्र बना दिए गए हैं। इसमें कौशिल्यापुर केवला नंदपट्टी कूराडीह परसदतारडीह मुजाही नचरौला व मानधाता शामिल है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में अफसरों की मनमानी का आलम यह है कि पीसीएफ के आधा दर्जन दागी समितियों को धान क्रय केंद्र बना दिया गया। यह ऐसे केंद्र हैं, जहां पिछले सालों में खरीद के दौरान केंद्र प्रभारियों ने सैकड़ों कुंतल धान व गेहूं का गड़बड़झाला किया था। जब इन केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध एफआइआर कराने की तैयारी होने लगी तो केंद्र प्रभारियों ने कार्रवाई से बचने के लिए तीन माह बाद गेहूं व धान जमा किया। तब जाकर कार्रवाई से बचे। अब इन्हीें केंद्रों को फिर से क्रय केंद्र बना दिया गया है। डिप्टी आरएमओ ने एआर कोआपरेटिव व जिला प्रबंधक पीसीएफ को पत्र लिखकर केंद्रों की रिपोर्ट मांगी है। प्रशासन की सख्ती से अफसरों में खलबली मची हुई है।
जिले भर में 15 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू है। इसमें पीसीएफ व खाद्य विभाग के कुल 34 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। केंद्र कम होने से पीसीएफ के सात और नए क्रय केंद्र बना दिए गए हैं। इसमें कौशिल्यापुर, केवला नंदपट्टी, कूराडीह, परसदतारडीह, मुजाही, नचरौला व मानधाता शामिल है। इसमें कौशिल्यापुर, केवलापुर नंदपट्टी, मुजाही व मानधाता में कुल मिलाकर करीब 430 कुंतल धान व गेहूं का गड़बड़झाला हुआ था। हालांकि कार्रवाई से सहमें केंद्र प्रभारियों ने किसी तरह से धान व गेहूं विभाग में जमा किया था। अब ऐसे दागी समितियों को फिर से केंद्र बना दिया गया। इन केद्रों को बनाने में अफसरों ने मनमानी की है।
नियम को ताक पर रखकर यह केंद्र खोले गए हैं। डिप्टी आरएमओ अजीत त्रिपाठी ने बताया कि दूसरे फेज में पीसीएफ के जो क्रय केंद्र बनाए गए हैं। वहां पहले अधिकांश केंद्र प्रभारियों ने बड़ी गड़बड़ी की है। इस पर वह कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। इस बारे में एआर कोआपरेटिव व जिला प्रबंधक पीसीएफ से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। उसके आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा।