जैविक खेती करने से मिट्टी की सुधरेगी सेहत और बढ़ेगी पैदावार भी, Prayagraj News
कौशांबी जिले में जैविक खेती के लिए इन दिनों जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इस तकनीकी खेती के लिए केंद्र के मृदा वैज्ञानिक ने जनपद के किसानों को इसका महत्व भी बताया।
कौशांबी, जेएनएन। जिले में जैविक खेती के लिए इन दिनों जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इस तकनीकी खेती के लिए केंद्र के मृदा वैज्ञानिक ने किसानों को इसका महत्व भी बताया। किसानों को यह भी बता रहे हैं कि जैविक खेती से खेतों में पोषक तत्वों की कमी भी पूरी होती है। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा दी जा रही खेती की इन नवीन जानकारियों का किसान फायदा भी उठा रहे हैं। इधर कुछ महीने में कई किसान जैविक खेती करने लगे हैं।
रासायनिक खाद से भारी नुकसान
वैसे तो प्राचीन काल से ही जैविक खेती की जा रही है। कुछ सालों से अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक खादों व कीट नाशक दवाओं के अधाधुंध प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे भूमि की गुणवत्ता धीरे-धीरे कम होती जा रही है। उर्वरा शक्ति की कमी होने से उत्पादित फसलों में भी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। पोषक तत्व विहीन अनाज, सब्जियों के सेवन से मनुष्य तरह-तरह की बीमारी से ग्रसित हो जाता है। जबकि जैविक खादों के प्रयोग के बाद भूमि पर पोषक तत्व बढ़ जाते हैं, उनके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता के वृद्धि होती है।
किसानों को दे रहे जानकारी
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज सिंह व फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार शर्मा जिले के विभिन्न स्थानों पर गोष्ठी के माध्यम से किसानों को फसलों में लगने वाले रोग और इन बीमारियों से बचाव के विषय में जानकारी दे रहे हैं। कृषि रसायन की अपेक्षा नीम के तेल के प्रयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया जा रहा है। इससे खेत में पैदावार भी बढ़ेगी।