बेनी प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश
विशेष कोर्ट एमपी एमएलए ने पूर्व मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। मामला आचार संहिता के उल्लघंन से जुड़ा है।
By Edited By: Published: Fri, 24 May 2019 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 11:32 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। विशेष कोर्ट एमपी एमएलए ने पूर्व मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। तीन मामलों में पूर्व इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पेशी थी। न तो वह हाजिर हुए न ही हाजिरी माफी की अर्जी दी। ऐसे में विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने गैर जमानती वारंट व कुर्की का नोटिस जारी कर दिया।
सहायक विकास अधिकारी ने दर्ज कराया था केस
मामला बलरामपुर का है। पांच मई 2014 को उतरौला थाने में सहायक विकास अधिकारी राजकुमार गौतम ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि राजा बाजार में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए अभियुक्त बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने भाषण में कहा कि दलितों या मुस्लिमों को प्रधानमंत्री बना देते लेकिन राक्षस, हत्यारे को प्रधानमंत्री बनाना हमको कुबूल नहीं। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया है।
अन्य मामला गोंडा का है
दूसरा मामला 25 अप्रैल 2014 का है। आरोप है कि गोंडा के मोहल्ला पटेल नगर, थाना कोतवाली क्षेत्र में हुई जनसभा में बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने भाषण में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। इसे आचार संहिता का उल्लंघन व मानहानि का मामला पाते हुए खंड शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश सिंह ने थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया।
तीसरा केस बलरामपुर से जुड़ा है
तीसरा मामला बलरामपुर का है। पांच मई 2014 को थाना रेहरा में सहायक शिक्षा अधिकारी फागूराम ने रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप है कि जनसभा में बेनी प्रसाद वर्मा ने भाषण दिया था कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए गोधरा में कत्लेआम कराया। वहां की लड़कियों की जासूसी हुई। फर्जी एनकाउंटर हुए। सरकार बनी तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। वहां फास्ट टै्रक कोर्ट बनाकर नरेंद्र मोदी को आजीवन कारावास दिलाएंगे। इस मामले में भी पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। तीनों मामलों की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश ने गैर जमानती वारंट और कुर्की का नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
किसी भी केस में जमानत तक नहीं कराई
विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने तीनों मामलों की पत्रावली का अवलोकन करने के बाद अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियुक्त ने तीनों केस में अपनी जमानत तक पेश नहीं की। गिरफ्तारी वारंट का आदेश पूर्व से चल रहा है। अभियुक्त बेनी प्रसाद वर्मा की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अपने आदेश में उल्लिखित किया कि उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं हो पा रहा है। मुकदमे की कार्यवाही लंबित हो रही है। अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए एनबीडब्ल्यू व कुर्की नोटिस जारी करते हुए सुनवाई तिथि 17 जुलाई मुकर्रर की।
सहायक विकास अधिकारी ने दर्ज कराया था केस
मामला बलरामपुर का है। पांच मई 2014 को उतरौला थाने में सहायक विकास अधिकारी राजकुमार गौतम ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि राजा बाजार में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए अभियुक्त बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने भाषण में कहा कि दलितों या मुस्लिमों को प्रधानमंत्री बना देते लेकिन राक्षस, हत्यारे को प्रधानमंत्री बनाना हमको कुबूल नहीं। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया है।
अन्य मामला गोंडा का है
दूसरा मामला 25 अप्रैल 2014 का है। आरोप है कि गोंडा के मोहल्ला पटेल नगर, थाना कोतवाली क्षेत्र में हुई जनसभा में बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने भाषण में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। इसे आचार संहिता का उल्लंघन व मानहानि का मामला पाते हुए खंड शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश सिंह ने थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया।
तीसरा केस बलरामपुर से जुड़ा है
तीसरा मामला बलरामपुर का है। पांच मई 2014 को थाना रेहरा में सहायक शिक्षा अधिकारी फागूराम ने रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप है कि जनसभा में बेनी प्रसाद वर्मा ने भाषण दिया था कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए गोधरा में कत्लेआम कराया। वहां की लड़कियों की जासूसी हुई। फर्जी एनकाउंटर हुए। सरकार बनी तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। वहां फास्ट टै्रक कोर्ट बनाकर नरेंद्र मोदी को आजीवन कारावास दिलाएंगे। इस मामले में भी पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। तीनों मामलों की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश ने गैर जमानती वारंट और कुर्की का नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
किसी भी केस में जमानत तक नहीं कराई
विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने तीनों मामलों की पत्रावली का अवलोकन करने के बाद अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियुक्त ने तीनों केस में अपनी जमानत तक पेश नहीं की। गिरफ्तारी वारंट का आदेश पूर्व से चल रहा है। अभियुक्त बेनी प्रसाद वर्मा की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अपने आदेश में उल्लिखित किया कि उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं हो पा रहा है। मुकदमे की कार्यवाही लंबित हो रही है। अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए एनबीडब्ल्यू व कुर्की नोटिस जारी करते हुए सुनवाई तिथि 17 जुलाई मुकर्रर की।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें