Move to Jagran APP

High Court: घर से उठाकर गांजा तस्करी में फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश

हाई कोर्ट ने कहा कि घर से रात में पकड़कर फर्जी केस में फंसाया फिर संदेहों से भरी गांजा जब्ती की अभियोजन कहानी तैयार कर अवैध गिरफ्तारी कर ली। अपर महाधिवक्ता ने भी पुलिस कार्यवाही ड्रा बैक व लूपहोल स्वीकार किया है। याची जमानत पर रिहा होने का हकदार है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 04:45 PM (IST)
High Court: घर से उठाकर गांजा तस्करी में फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश
हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस स्टोरी में संदेह के काले घने बादलों के ड्रा बैक व लूपहोल

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के थाना फेज-2  के पुलिस अधिकारियों पर एसएसपी गौतम बुद्ध नगर को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पुलिस पर आरोप है कि सांसी थाना क्षेत्र जनपद हाथरस के निवासी ललित गुप्ता को 4-5 पुलिसवाले रात में सादे कपड़ों में आकर पकड़ ले गए और गांजा तस्करी के फर्जी केस में फंसा दिया। हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने वाले तत्कालीन एसएसपी के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

prime article banner

अवैध गिरफ्तारी पर जमानत का आदेश

हाई कोर्ट ने कहा कि घर से रात में पकड़कर फर्जी केस में फंसाया, फिर संदेहों से भरी गांजा जब्ती की अभियोजन कहानी तैयार की और दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से अवैध गिरफ्तारी कर ली। अपर महाधिवक्ता ने भी पुलिस कार्यवाही ड्रा बैक व लूपहोल स्वीकार किया है। याची जमानत पर रिहा होने का हकदार है। हाई कोर्ट ने याची ललित गुप्ता को व्यक्तिगत बंधपत्र लेकर बिना प्रतिभूति के तत्काल सशर्त जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने ललित गुप्ता के अधिवक्ता श्रीकृष्ण शुक्ल को सुनकर दिया है।

कोर्ट ने इस केस से जुड़े पुलिस अधिकारियों को तलब किया था। सभी के हाजिर होने के बाद एफआइआर दर्ज करने वाले दरोगा राम चंद्र सिंह सहित सहकर्मी पुलिस अधिकारियों पर विभागीय जांच कर दोषी करार होने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

पुलिस ने दोबारा अपराध के दलदल में खींचा

उल्लेखनीय है कि नोएडा फेज दो थाने की पुलिस ने जून महीने में सादे कपड़ों में हाथरस जाकर ललित गुप्ता को पकड़ा था। फिर 14 जून को उसे 29.600 किग्रा अवैध गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार दिखा दिया। याची का कहना था कि उसके खिलाफ 2001 से 2017 तक हाथरस के सांसी थाने में 11 आपराधिक  मामले दर्ज हैं। 2017 के बाद कोई केस दर्ज नहीं है। अब पुलिस ने फर्जी केस में फंसाया है। हाई कोर्ट ने कहा कि याची अपना आचरण सुधारने में लगा है और पुलिस ने झूठी कहानी गढकर उसे दोबारा अपराध में घसीटने की कोशिश की है। इसके लिए उनके खिलाफ ऐक्शन होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.