एसआइबी सर्वे का विरोध, 23 को तय होगी आंदोलन की रूपरेखा
एसआइबी सर्वे का व्यापारियों ने विरोध किया है। इस मामले में 23 सितंबर को आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : एसआइबी सर्वे का व्यापारियों ने विरोध किया है। इस मामले में 23 सितंबर को आंदोलन की रूपरेखा तय होगी। प्रयाग व्यापार मंडल की गुरुवार को हुई ऑनलाइन बैठक में कहा गया कि पूरे देश का व्यापारी लॉकडाउन लागू होने पर मार्च महीने से ही प्रभावित है। आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी व्यापार करीब 20-25 फीसद रह गया है। इससे व्यापारी बहुत आíथक दवाब के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में एसआइबी का सर्वे (छापा) बढ़ाने से उनका आक्रोशित होना स्वाभाविक है।
अध्यक्ष विजय अरोरा ने कहा कि जब बिना सर्वे के सरकार का राजस्व निरंतर बढ़ रहा है तो सर्वे की क्या जरूरत है। सर्वे और छापों के जरिए व्यापारियों को समाज में अपमानित करने का काम किया जाता है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महामंत्री सुहैल अहमद ने कहा कि तमाम लड़ाई, जेल यात्राएं एवं आंदोलन के बाद लगभग 30 वर्षों से सर्वे व छापे बंद है। इसके बावजूद राजस्व लगातार बढ़ रहा है। सुशील खरबंदा ने कहा कि लॉकडाउन के दौर में व्यापार टूट गया है और ऐसे कठिन समय में व्यापारियों को छापे के लिए चयन करना और उसका भय दिखाना उन्हें मानसिक रूप से दबाव में डालने जैसे होगा। इसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल ने 23 सितंबर को मेरठ में कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। बैठक में इस मसले पर विस्तार से चर्चा होगी और प्रदेश भर में एसआइबी छापों के बहिष्कार का निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में शामिल शिवशंकर सिंह, सरदार जोगिदर सिंह, राना चावला, उमेश केसरवानी, गुरुचरन अरोरा, अरुण केसरवानी, राजीव नैयर, धनंजय सिंह, अखिलेश सिंह आदि ने विरोध का समर्थन किया और जरूरत पड़ने पर सड़क पर उतरने का आश्वासन दिया।