इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. हांगलू को मानद उपाधि देने पर उठे विरोध के स्वर
सेना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू को मानद उपाधि देगी। इस पर यहां के कई शिक्षकों ने पीएमओ और मंत्रालय को शिकायती ट्वीट किया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू को सेना की तरफ से एनसीसी कर्नल की मानद उपाधि देने पर रार छिड़ गई है। इविवि के पूर्व रजिस्ट्रार कर्नल हितेश लव समेत कई रिटायर्ड शिक्षकों ने पीएमओ और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को ट्वीट करके इसका विरोध जताया है।
एनसीसी कमांडेंट की तरफ से सिफारिश की जाती है
दरअसल, सेना की तरफ से शिक्षाविदों को भी कर्नल की मानद उपाधि देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिलों के एनसीसी कमांडेंट की तरफ से सिफारिश की जाती है। इविवि ग्रुप के लिए पूर्व कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि फैजाबाद के प्रो. मनोज दीक्षित के नाम की सिफारिश की गई है। अब इविवि के पूर्व रजिस्ट्रार कर्नल हितेश लव और इविवि के रिटायर्ड प्रोफेसर एके श्रीवास्तव समेत कई अन्य शिक्षकों ने इसका विरोध किया है।
प्रो. हांगलू पर तमाम तरह के आरोप की शिकायत की गई है
पीएमओ और एचआरडी को किए गए शिकायती ट्वीट में कहा गया है कि प्रो. हांगलू पर तमाम तरह के आरोप लगे हैं। यह मामला राष्ट्रीय महिला आयोग के अलावा मंत्रालय और राष्ट्रपति तक पहुंचा था। इसी मामले को लेकर 31 दिसम्बर 2019 को प्रो. हांगलू ने पड़ से इस्तीफा दे दिया था। अभी मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से गठित तीन सदस्यीय कमेटी जांच भी कर रही है। ऐसे में सेना की तरफ से किस आधार पर एनसीसी के मानद कर्नल की उपाधि दी जा रही है।