Pratapgarh शहर में अवैध तरीके से डेरियों का संचालन, खुले में फेंका जा रहा गोबर, खुला छोड़ देते हैं मवेशी
नगर पालिका क्षेत्र में 25 वार्ड हैं। इसमें करीब दर्जन भर जगहों पर डेयरी का संचालन होता है। शहर के बीचों-बीच घनी बस्तियों में संचालित इन डेयरी से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। खुले में गोबर फेंका जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ शहर में अवैध तरीके से संचालित हो रही डेयरी को शहर से बाहर नहीं किया जा सका है, जबकि इसकी जिम्मेदारी शासन ने नगर पालिका के साथ-साथ जिला प्रशासन को दी गई थी। महीनों बीतने के बाद भी प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नतीजा यह है कि डेयरी का गोबर खुले में फेंका जा रहा है। इसकी दुर्गंध के अलावा हर तरफ फैली गंदगी से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
शासन की सख्ती के बाद भी संचालन नहीं हुआ बंद
नगर पालिका क्षेत्र में 25 वार्ड हैं। इसमें करीब दर्जन भर जगहों पर डेयरी का संचालन होता है। शहर के बीचों-बीच घनी बस्तियों में संचालित इन डेयरी से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। खुले में गोबर फेंका जा रहा है। खुले मैदानों में पड़े गोबर के ढेर से मच्छरों के साथ-साथ अनेक सें बीमारियां पनप रही हैं। पशुपालक अपने पशुओं को सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं, जिससे राहगीर आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। शहर के तहसील वार्ड के आदित्य कुमार श्रीवास्तव, मकंद्रूगंज वार्ड के श्याम सिंह, मीराभवन के आकाश पांडेय, सहोदरपुर पूर्वी वार्ड के शाहिद आलम का कहना है कि डेयरी के संचालन से एक ओर जहां शहर में प्रदूषण फैल रहा है, वहीं दूसरी ओर इसकी दुर्गंध से जीना दूभर हो गया है। गोबर बहकर नाले में जाने से चोक हो जा रहा है। डेयरी का संचालन बंद कराना अत्यंत आवश्यक है। सफाई एवं खाद्य निरीक्षक एसके सिंह ने बताया कि डेयरी का संचालन करने वालों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है।