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Lockdown-3 : प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार की जिले में खुलने लगी राह Prayagraj News

लाॅकडाउन-3 में मनरेगा और कायाकल्प के तहत जिले में काम शुरू हो गया है। औद्योगिक इकाइयां लगाने के कामगारों को लोन मिलेगा। आवेदन भी मांगे गए हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 09:46 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 09:48 AM (IST)
Lockdown-3 : प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार की जिले में खुलने लगी राह Prayagraj News
Lockdown-3 : प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार की जिले में खुलने लगी राह Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन-3 में प्रवासी कामगारों के घर लौटने पर उन्हें यहीं काम-धंधे मुहैया कराने के मकसद से कई विभागों की ओर से पहल की गई है। मनरेगा और कायाकल्प योजना के तहत बेसिक स्कूलों में जीर्णोद्धार का काम भी शुरू हो गया है। औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए लोन की सुविधा मुहैया कराने के लिए तीन योजनाओं में आवेदन भी मांगे गए हैं। परंपरागत कारीगरों के प्रशिक्षण के लिए भी आवेदन लिए जा रहे हैं। इस तरह से सात योजनाओं से जिले में बड़े पैमाने पर रोजगार की राह खुलने की उम्मीद है। 

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जिले में 35 हजार 565 मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया गया

जिले की कुल 1637 ग्राम पंचायतों में से 1231 में तीन-चार दिनों से मनरेगा का काम शुरू हो गया है। इसमें इन ग्राम पंचायतों में कुल 35 हजार 565 मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया गया है। कायाकल्प के तहत 2700 परिषदीय स्कूलों में से 1400 में काम चालू हो गया है। इसमें भी हजारों श्रमिकों को काम मिला है लेकिन फिलहाल वास्तविक आंकड़े पंचायतीराज विभाग जुटा नहीं सका है। वहीं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में इकाइयां लगाने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को ऋण मुहैया कराया जाएगा।

परंपरागत कारीगरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा

विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और ओडीओपी टूल किट प्रशिक्षण योजना के तहत भी परंपरागत कारीगरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इन योजनाओं के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से आवेदन मांगे गए हैं। किसी कार्य दिवस में आवेदन किए जा सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 10 मई तय की गई है। 

ओडीओपी में फूड प्रोसेसिंग भी शामिल

सरकार की मंशा है कि लॉकडाउन में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई ज्यादा से ज्यादा इकाइयां लगाकर की जाए। इसके लिए एमएसएमई को बढ़ाने पर पूरा जोर  है। लिहाजा, प्रयागराज में ओडीओपी में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को भी शामिल कर दिया गया है। पहले ओडीओपी में मूंज उत्पाद ही शामिल था, जिसके लिए मुफीद बाजार उपलब्ध न होने से रोजगार के अवसर नहीं बढ़ सके। हालांकि फूड प्रोसेसिंग में राइस, दाल, आटा, दूध के उत्पाद, बेकरी, नमकीन, जेम-जेली, चिप्स-पापड़, मिनरल वॉटर आदि शामिल होने से इस सेक्टर में नई इकाइयों के स्थापित होने से रोजगार बढऩे की अपार संभावनाएं हैं।

कितना मिलेगा लोन और सब्सिडी

-25 लाख रुपये लोन लेने पर परियोजना लागत की 25 फीसद अथवा छह लाख रुपये सब्सिडी मिलेगी।

-25 लाख से अधिक अथवा 50 लाख रुपये तक लोन लेने पर परियोजना लागत की 20 फीसद सब्सिडी मिलेगी।

-50 लाख से अधिक अथवा डेढ़ करोड़ रुपये तक लोन लेने पर 15 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।

-1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन लेने पर 20 लाख रुपये तक सब्सिडी मिलेगी।

बोले उपायुक्त उद्योग

उपायुक्त उद्योग अजय कुमार चौरसिया कहते हैं कि शासन ने ज्यादा से ज्यादा इकाइयों की स्थापना के निर्देश दिए हैं। ओडीओपी में अब फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लोग भी लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें बड़े पैमाने पर लोन मुहैया कराया जाएगा।

उपायुक्त मनरेगा ने कहा

उपायुक्त मनरेगा कपिल कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत जहां काम हो रहे हैं। कोविड-19 की गाइड लाइन का पूरा पालन हो रहा है। पिछले वर्ष किसी भी दिन 25 हजार से ज्यादा मजदूर काम नहीं किए, लेकिन इस बार यह संख्या अभी ही 35565 पहुंच गई है।

जिला पंचायतीराज अधिकारी कहती हैं

जिला पंचायतराज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव बोलीं कि कायाकल्प के तहत 1400 स्कूलों में काम शुरू हो गया है। बाकी 1300 विद्यालयों में भी एक-दो दिनों में काम शुरू हो जाएगा। विद्यालयों में जितनी जरूरत होगी, उतना बजट खर्च होगा।


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